बोलपुर से लौटते हुए अचानक आदिवासियों के बीच पहुंची ममता, अपने हाथ से बनाई सब्जी
कोलकाता, 30 दिसंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले जनसंपर्क के लिए सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच प्रतिद्वंदिता बढ़ती ही जा रही है। गत 19 दिसंबर को दो दिवसीय दौरे पर पश्चिम बंगाल पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आदिवासी परिवार के घर भोजन किया था। अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी बुधवार को अचानक बीरभूम जिले के बोलपुर में बल्लभपुर गांव में आदिवासियों के बीच जा पहुंची। दरअसल बुधवार को सीएम अपना बीरभूम दौरा पूरा कर कोलकाता लौटने वाली थीं। इसी गांव के करीब उनका हेलीपैड था। यहां से कोलकाता के लिए उड़ान भरने से पहले वह अचानक अपने काफिले के साथ गांव में जा पहुंची। यहां मुख्यमंत्री को सामने देखकर साधारण लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हो गए थे। लोगों ने इलाके की समस्याओं के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराया जिसके तत्काल समाधान का आश्वासन उन्होंने दिया है। सीएम के साथ बीरभूम जिला तृणमूल अध्यक्ष अणुव्रत मंडल भी थे। सीएम ने उन्हें भी लोगों की समस्याओं को जल्द से जल्द दूर करने के लिए राजनीतिक तौर पर भी कदम उठाने का निर्देश दिया है। बल्लभपुर गांव में सबसे पहले वह आदिवासी महिला मणि मुर्मू से मिलीं। जब सीएम उनसे बात कर रही थीं तब आसपास के घरों से भी लोग निकल कर आने लगे। लोगों ने पीने के पानी और शौचालय की समस्या मुख्यमंत्री को बताई जिसके समाधान का आश्वासन उन्होंने दिया। उसके बाद सीएम आगे बढ़ी और गांव के मोड़ पर बाबू बागदी की दुकान में जा पहुंची। यहां उनकी पत्नी मेनका सब्जी बना रही थीं। सीएम ने उनके हाथ से छोलनी ले लिया और खुद ही सब्जी बनाने लगीं। उन्होंने मेनका से एक-एक कर मसाला मांगा और सब्जी में डाला। मेनका ने कहा, "हमारी दुकान में मुख्यमंत्री आएंगी, ऐसा कभी हम लोगों ने सपने में भी नहीं सोचा था।" उन्होंने कहा, "दीदी ने चाय पी और ₹500 रुपये दिया। हम लोगों ने कहा कि चाय की कीमत तो इतनी नहीं है। इस पर दीदी ने कहा कि रख लो मिठाई खा लेना।" मेनका के पति बाबू ने बताया कि पहले यहां पीने के पानी की समस्या थी। सात साल पहले उनकी पत्नी को करीब तीन किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता था। इसके पहले भी मुख्यमंत्री से शिकायत की गई थी जिसके बाद यहां एक पानी का नल लग गया है। फिलहाल यहां बिजली नहीं है इसलिए मुख्यमंत्री को बिजली के बारे में बोला हूं। मुख्यमंत्री ने आवेदन जमा देने को कहा है। ठीक पास में चंदना बागदी की दुकान में भी मुख्यमंत्री गईं। वहां एक बच्चे के हाथ में उन्होंने ₹500 रुपये उपहार दिया। उल्लेखनीय है कि इसके पहले लोकसभा चुनाव के समय भी मुख्यमंत्री इसी तरह से गांव वालों के बीच जा पहुंची थीं। बांकुड़ा में भी आदिवासी परिवार के घर जाकर खाट पर बैठी थीं और समस्याएं सुनी थीं। गौर हो कि इसके पहले अमित शाह बंगाल दौरे के दौरान दो बार आदिवासी परिवार के घर जाकर भोजन कर चुके हैं। हालांकि अमित शाह के दौरे के दौरान उनका भोजन का कार्यक्रम पहले से प्रस्तावित किया गया था जबकि मुख्यमंत्री ने बुधवार को आदिवासी गांव का औचक दौरा किया था। हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश/मधुप-hindusthansamachar.in