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कैनिंग में बिजली की भट्ठी खराब होने से कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार बंद

कैनिंग (दक्षिण 24 परगना), 12 मई (हि.स.)। कोरोना में मृत लोगों का खुले में उनका अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता। और यही वजह है कि पिछले साल जुलाई के अंत से कैनिंग में बने बैतरणी में कोरोना में मृतकों का अंतिम संस्कार किया जाने लगा। सिर्फ कैनिंग महकमा नही बल्कि बारुईपुर महकमा और दक्षिण कोलकाता के अन्य स्थानों से शव लाए जाते और कैनिंग इलेक्ट्रिक भट्ठी में अंतिम संस्कार किया जाता था। लेकिन पिछले रविवार रात से भट्टी खराब होने के कारण अंतिम संस्कार फिलहाल यहां बंद है। जिसके चलते लोग परेशानी में हैं। विशेष रूप से, कैनिंग कोरोना अस्पताल सहित आसपास के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्र, जहां से कोरोना मृतकों के शव को यहां भेजा जाता था, लेकिन अब बंद होने पर वे परेशानी में पड़ गए हैं। हालांकि कई शव हर दिन दाह संस्कार के लिए आते हैं, लेकिन भट्ठी की स्थिति खराब होने के कारण शवों को वापस भेज दिया जा रहा है। जुलाई के अंत से दिसम्बर के अंत तक यहां कुल 46 शवों का अंतिम संस्कार किया गया था। इस साल जनवरी से केवल चार महीनों में, 213 शवों का पहले ही अंतिम संस्कार किया जा चुका है। पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमणों से मरने वालों की संख्या आसमान छू रही है। पिछले शनिवार तक, हर दिन औसतन 18 से 20 शव इस अंतिम संस्कार के लिए आ रहे थे। हालांकि, रविवार को चार शव जलने के बाद, भट्ठी में समस्या आ गयी थी। तब से बन्द है। प्रशासन ने भट्ठी की मरम्मत शुरू कर दी है। सरकारी अधिकारियों ने कहा कि भट्टी की मरम्मत अगले दो दिनों में पूरी हो जाएगी। कैनिंग एक नम्बर ब्लॉक के बीडीओ शुभंकर दास ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से निरंतर संचालन के कारण रिएक्टर में कुछ समस्याएं हैं। इंजीनियर ने मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। उम्मीद है कि यह कुछ दिनों में चालू हो जाएगा। प्रशासन के सूत्रों के अनुसार, पहले दक्षिण 24 परगना जिले के एक बड़े क्षेत्र में कोरोना मृतकों के शवों कैनिंग की इस बिजली की भट्ठी में अंतिम संस्कार किया जाता था। लेकिन वर्तमान में मौतों की संख्या में वृद्धि के कारण, बारुईपुर में कीर्तनखोला बिजली की भट्ठी और राजपुर विद्युत भट्ठी में रात 12 बजे से सुबह पांच बजे तक कोरोना मृतकों का दाह संस्कार किया जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/सुगंधी/गंगा

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