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नेत्रहीन शिक्षक को चुनाव में मिली प्रिसाईडिंग ऑफिसर की जिम्मेदारी

कोलकाता, 22 मार्च (हि.स.)। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान आयोग की एक बड़ी गलती सामने आई है। नेत्रहीन दिव्यांग शिक्षक को चुनाव में प्रिसाईडिंग ऑफिसर की ड्यूटी देने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर मजिलपुर निवासी शिक्षक मिलू मिस्त्री दोनों आंखों से संपूर्ण रूप से नेत्रहीन हैं। टीचर्स रूम में बैठकर ब्रेल लिपी में वे पढ़ाई-लिखाई करते हैं जिसके बाद विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं। ऐसे में संपूर्ण रूप से एक नेत्रहीन व्यक्ति प्रिसाईडिंग ऑफिसर के कार्यों को कैसे पूरा करेंगे, इस बात को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं। निलू मिस्त्री का दावा है कि उनकी दिव्यांगता के बारे में चुनाव आयोग को बताया जा चुका है। इसके बावजूद एक के बाद एक प्रशिक्षण की तारिखें भेजी जा रही हैं। पहले प्रशिक्षण में उन्हें शामिल होना पड़ा था लेकिन उसके बाद उनकी शारीरिक अस्वस्थ्ता का प्रमाणपत्र समेत अन्य कागजात जिला चुनाव आयोग के ऑफिस में स्कूल की तरफ से जमा किया गया। साथ ही चुनाव कार्य से उनका नाम हटा देने का अनुरोध भी किया गया। इस आवेदन का रिसिव कॉपी भी निलू मिस्त्री के पास है। उसके बावजूद उन्हें प्रशिक्षण में शामिल होने का निर्देश दिया गया। निलू मिस्त्री का कहना है कि चुनाव में यदि मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी जाती है तो पूरी प्रक्रिया ही नष्ट हो जाएगी। मैं यह बात समझाने का लगातार प्रयास कर रहा हूं। किन्तु कोई भी अधिकारी मेरी बात समझने के लिए राजी ही नहीं हो रहे हैं। इस बारे में प्रतिक्रिया के लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन किसी ने भी आधिकारिक तौर पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/गंगा

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