विपक्षी गठबंधन 'INDIA' में बड़ी फूट की दरकार! CPI(M) ने बंगाल में टीएमसी से 2024 में हाथ मिलाने से किया इनकार

Opposition Alliance: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की केंद्रीय समिति ने अपनी पश्चिम बंगाल इकाई को 2024 के लोकसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के खिलाफ उम्मीदवार उतारने की इजाजत दी है।
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। लोकसभा चुनाव 2024 में सत्तारूढ़ पार्टी भजपा को खिलाफ लामबंद हुए विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA में फूट होती नज़ार आ रही है। जहां एक तरफ INDIA गठबंधन इस चुनाव के लिए देशभर में बीजेपी के खिलाफ रणनीति बना रहा रहा है। इस रणनीति के तहत एक सीट एक उम्मीदवार के फॉर्मूले पर भी काम हो रहा है, यानी जिस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार उतरेगा उस पर विपक्ष की तरफ से भी केवल एक उम्मीदवार होगा। लेकिन अब पश्चिम बंगाल में ये फॉर्मूला टूटता हुआ नजर आ रहा है। यहां भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की केंद्रीय समिति ने अपनी पश्चिम बंगाल इकाई को 2024 के लोकसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के खिलाफ उम्मीदवार उतारने की इजाजत दी है। जिसे विपक्षी एकता के लिए बड़े झटके के रूप में माना जा रहा है।

'INDIA'समिति में माकपा अपना प्रतिनिधि नहीं भेजेगी

भाजपा के खिलाफ बने विपक्षी आईएनडीआई गठबंधन में दरार के संकेत मिलने लगे हैं। कोलकाता में हुई माकपा की दो दिवसीय पोलित ब्यूरो की बैठक रविवार को संपन्न हुई। सूत्रों के मुताबिक बैठक में निर्णय लिया गया है कि आईएनडीआई की समिति में माकपा अपना प्रतिनिधि नहीं भेजेगी। इसकी वजह है कि उसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को भी जगह दी गई है।

अभिषेक बनर्जी के साथ एक समिति में नहीं रहेगी माकपा

उल्लेखनीय है कि 14 सदस्यीय समिति में 14 नंबर जगह आईएनडीआई गठबंधन ने खाली रखी थी। इसमें माकपा प्रतिनिधि को शामिल किया जाना था। पार्टी की ओर से बताया गया था कि वह बाद में इस पर अपना उम्मीदवार बताएंगे। इसके बाद कोलकाता में दो दिवसीय पोलित ब्यूरो की बैठक में स्पष्ट हो गया है कि पार्टी अभिषेक बनर्जी के साथ एक समिति में नहीं रहेगी। केरल माकपा ने दूसरी ओर यह भी स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस के साथ किसी भी समिति का हिस्सा नहीं हो सकती। इसलिए आईएनडीआईए गठबंधन की समिति में दरार स्पष्ट है।

पार्टी गठबंधन का हिस्सा रहेगी

हालांकि पार्टी ने कोलकाता की बैठक में स्पष्ट कर दिया है कि वह गठबंधन का हिस्सा रहेगी लेकिन कई बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट की है। पहली बात कि गठबंधन को और मजबूत करेंगे। भाजपा को केंद्र की सत्ता से हटाने के लिए एकजुट लड़ाई में साथ देंगे। हालांकि पार्टी ने कहा कि इस तरह की कोई भी कमेटी नहीं बनाई जानी चाहिए थी जो खुद निर्णय ले और दूसरों को उसका पालन करना पड़े।

बड़ी लड़ाई के लिए एक साथ आना जरूरी- सलीम

दरअसल गठबंधन की बैठक के मंच पर ममता बनर्जी के साथ सीताराम येचुरी की उपस्थिति को लेकर बंगाल माकपा में तीखी नाराजगी जताई थी। बहरहाल मोहम्मद सलीम ने कहा था कि बड़ी लड़ाई के लिए एक साथ आना जरूरी है। इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि हम तृणमूल का समर्थन करेंगे। पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो समिति बनाई गई है वह भी जरूरी नहीं थी। अब देखना होगा कि आईएनडीआईए का इस पर क्या कुछ रुख होता है।

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