after-the-intervention-of-the-election-commission-the-administrators-of-the-municipal-corporations-in-west-bengal-will-have-to-resign
after-the-intervention-of-the-election-commission-the-administrators-of-the-municipal-corporations-in-west-bengal-will-have-to-resign

चुनाव आयोग के हस्तक्षेप के बाद पश्चिम बंगाल में नगर निगमों के प्रशासकों को देना होगा इस्तीफा

नोट : इस खबर में मंतव्य स्पष्ट नही है। कृपया स्पष्ट करें कि क्या इस्तीफा दे दिया है कोलकाता, 07 मार्च (हि.स.)। चुनाव आयोग के एक आदेश के बाद राज्य में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस को एक बड़ा लगा है। आचार संहिता के चलते राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम को कोलकाता नगरनिगम के प्रशासक के पद छोड़ना पड़ सकता है। इसके साथ ही राज्य के नगर निगम के वार्ड समन्वयक के रूप में काम नहीं कर सकेगा। ऐसे सभी लोगों को सरकारी पद छोड़ना पड़ेगा और इन सभी को सरकारी सुविधाएं भी नहीं मिल सकेंगी। दरअसल, राज्य के सरकारी पदों पर कार्यरत निगम पार्षदों को लेकर सवाल उठने के बाद चुनाव आयोग ने ऐसे सभी लोगों को सरकारी पद छोड़ने को कहा है। ऐसे में राज्य के नगर मंत्री फिरहाद हकीम को कोलकाता नगरनिगम के प्रशासक के पद से इस्तीफा देना होगा। इसके अलावा अतीन घोष, देबाशीष कुमार और देवव्रत मजुमदार को भी प्रशासक पद से इस्तीफा देना होगा। यह तीनों अगले चुनाव में उम्मीदवार भी बनाए गए हैं। उल्लेखनीय है कि फिरहाद हकीम को नगर निगम का प्रशासक बनाए जाने के समय से ही विवाद चल रहा था। हालांकि कोरोना संकट की वजह से निगम में चुनाव नहीं हो सका और न्यायालय की अनुमति के साथ ही हकीम को कोलकाता नगर निगम का प्रशासक बरकरार रखा गया। अब चुनाव आयोग के निर्देशानुसार न केवल कोलकाता नगर निगम के प्रशासक फिरहाद को प्रशासक के पद से इस्तीफा देना होगा बल्कि राज्य योजना और योजना समिति, मिशन टू एनहांस मिशन, केबल टीवी नेटवर्क के अध्यक्ष और महाजन सदन के न्यासी बोर्ड को भी इस्तीफा देना होगा। वह मेटियाबुरुज में हरिमोहन घोष कॉलेज और खिदिरपुर कॉलेज की प्रबंधन समिति से भी इस्तीफा दे सकते हैं। राज्य के अन्य नगर निकायों में सभी प्रशासकाें को भी इस्तीफा देना होगा। बताया गया कि चुनाव आयोग के हस्तक्षेप के बाद राज्य सरकार ने इन सभी से इस्तीफा देने के लिए कहा जा रहा है। नगर निगम के प्रशासकों सहित अन्य सरकारी पदों से तृणमूल कार्यकर्ताओं का हटना भाजपा इसे अपनी नैतिक जीत के रूप में देख रही है। हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in