हरीश रावत का नए साल पर उत्तराखंडी वस्त्र, आभूषण की ब्रांडिंग पर जोर

हरीश रावत का नए साल पर उत्तराखंडी वस्त्र, आभूषण की ब्रांडिंग पर जोर
हरीश रावत का नए साल पर उत्तराखंडी वस्त्र, आभूषण की ब्रांडिंग पर जोर

- फोटो,वीडियो शेयर करने लिए जारी किया व्हाट्स ऐप नंबर 9927512714 देहरादून, 22 दिसम्बर (हि. स.)। हमेशा अपने तेवरों और राज्य उत्पाद की ब्रांडिंग के लिए पार्टी लाइन से अलग हटकर मुहिम चलाने वाले कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (हरदा ) ने अब उत्तराखंडी परंपरा, वस्त्र-आभूषण के साथ नए साल में स्वागत को तैयार रहने पर जोर दिया है। हालांकि उनके इस अभियान को हिन्दू नव सवंत्सर पर चलाने की सोशल मीडिया पर सलाह दी गई है। इसके लिए उन्होंने व्हाट्स ऐप नंबर 9927512714 भी जारी किया है। कांग्रेस महासचिव रावत मौसम के हिसाब से फल या उत्पाद की ब्रांडिंग का मौका नहीं छोड़ते। पहाड़ी उत्पादों की बिक्री और उसकी ब्रांडिंग पर हरदा अपने अंदाज में लुभाने की पूरी कोशिश करते हैं। समय-समय पर पहाड़ी उत्पादों के प्रचार के लिए प्रतियोगिता आयोजित करते रहते हैं। हालही में अपने घर (देहरादून) में माल्टा चखो प्रतियोगिता का आयोजन कर सुर्खियां बटोर चुके हैं। गर्मियों में पहाड़ी फल काफल तो बरसात के मौसम में नींबू, पहाड़ी खीरा-ककड़ी व चटनी, रायता,आम, भुट्टों की दावत देने के बाद सर्दियों की दस्तक के साथ शुरू हो रहे मौसम में मशरूम, गहथ के डुबके के साथ गुड़, लवण सहित पहाड़ी व्यंजनों का कार्यक्रम का आयोजन कर चर्चा में रहे हैं। उनकी इस पार्टी में हर दल और सामाजिक संगठन के लोग बढ़चढ़ कर शामिल हुए। इस दौरान उन्हें सफाई भी देनी पड़ी थी कि यह पार्टी का कार्यक्रम नहीं है लेकिन राज्य हित में है। यह मुहिम प्रदेश के साथ-साथ पार्टी के लिए भी हितकारी होगी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा है, ''मैंने पिछले दिनों एक ट्वीट सुझाव के रूप में आगे बढ़ाया था, क्यों न हम नये वर्ष का स्वागत अर्थात 31 दिसम्बर की मध्यरात्रि या 1 जनवरी, 2021 की प्रातः अपने उत्तराखंडी परंपरा के वस्त्र-आभूषण पहनकर करें।'' उन्होंने लिखा कि जब मैं उत्तराखंडी परंपरा के वस्त्र आभूषणों की बात करता हूं तो मेरे मन में उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रीय व सामाजिक समूह की बातें आती हैं, जिममें कुमाऊं, गढ़वाल, दूर नीति माणा जोशीमठ धारचूला मुनस्यारी मलारी, जौनसार, उत्तरकाशी के साथ-साथ पंजाबी बंगाली गोरखाली थारू, बोक्सा आदि सामाजिक समूह भी सम्मिलित हैं। इन सब के वस्त्र -आभूषण अद्भुत सांस्कृतिक उत्तराखंड की संरचना करते हैं। मैं चाहता हूं कि आप सब इन उत्तराखंडी विशिष्टताओं को आगे बढ़ाएं, इसीलिए मेरा आपसे आग्रह है कि आप अपने-अपने वस्त्र आभूषणों के साथ नए वर्ष का अभिवादन करें और उन वस्त्र-आभूषणों के साथ अपनी एक फोटो/ वीडियो मेरे Facebook मैसेंजर और Whatsapp नंबर- 9927512714 पर पोस्ट कर दें। मैं आपके वीडियो और फोटोज की एक चित्र पुस्तिका बनाऊं और उसे 2021 के उपलक्ष में उत्तराखंड को समर्पित करूं।'क्या आप मेरे इस सोच के साथ सहमत हैं और मेरा साथ देने को तत्पर हैं। मैं हर ग्रुप के प्रथम पुरस्कार के लिए एक निर्णायक मंडल में गठित करना चाहता हूं, भगवान मेरी मदद करे। हरीश रावत की फेसबुक पोस्ट पर यूजर गौरव पंत ने उनके इस अभियान की तारीफ करते हुए लिखा है कि, 'आपकी मुहिम बहुत अच्छी है। हमारी सभ्यता का आधार नया साल से शुरू होता है। इसे क्यों न हिन्दू नव सवंत्सर पर शुरू करें। इससे इस त्यौहार को बढ़ावा मिलेगा। यूजर पवन कुमार आर्यन, सतीश भट्ट और विजय शर्मा ने लिखा है कि उत्तराखंड के रीति-रिवाजों को बढ़ावा देना है तो अपने पञ्चाङ्ग और संस्कृति को मानकर नए साल पर राज्य की परंपरा को मजबूत किया जाए। आप जैसे बुजुर्ग अनुभवी लोगों का सहयोग ही नए पीढ़ी के काम आएगा। वही अन्य यूजर ने हरीश रावत की इस अभियान की जमकर तारीफ की है। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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