स्वाभिमान महाराणा प्रताप जैसा होना चाहिएः स्वामी चिदानन्द सरस्वती
स्वाभिमान महाराणा प्रताप जैसा होना चाहिएः स्वामी चिदानन्द सरस्वती

स्वाभिमान महाराणा प्रताप जैसा होना चाहिएः स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश, 19 जनवरी (हि.स.)। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने मंगलवार को महाराणा प्रताप का पुण्य स्मरण किया। महाराणा की पुण्यतिथि पर स्वामी ने कहा कि इतिहास केवल वह नहीं है ,जो किताबों में लिखा है । इतिहास वह है जिसकी छाप दिलों में अमिट है। जिसकी मिसालें आज भी दी जाती हैं। जिसकी शौर्य गाथा आज भी गीतों के रूप में जुबां पर है। जिसकी स्मृतियां आज भी लोगों के दिलों में जीवंत हैं और जिसकी गूंज आज भी राजस्थान के रेगिस्तानों में गूंज रही है। उन्होंने कहा मनुष्य के अंदर स्वाभिमान महाराण प्रताप जैसा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे भारत माता के सुपुत्र, शौर्य व साहस के प्रतीक शूरवीर वीर योद्धा और अनमोल रत्न महाराणा प्रताप पर देश को सदैव गर्व रहेगा। मेवाड़ का यह सूर्य आज के दिन ही सदा के लिए अस्त हो गया था। मगर वह आने वाली पीढ़ियों के लिए मातृभूमि प्रेम, स्वाभिमान, आत्मसम्मान, वीरता, धैर्य और साहस की स्वर्णिम इबारत लिख गए। यह इबारत भारत को गौरवान्वित करती है। हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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