विपक्ष निजी स्वार्थों के तहत कर रहा आंदोलन: बंशीधर भगत
देहरादून, 09 दिसम्बर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने बुधवार को कहा है कि प्रदेश में किसानों के नाम पर विपक्षी दल निजी स्वार्थों के तहत आंदोलन कर रहे हैं। केंद्र के तीनों कृषि कानून किसानों की तकदीर बदलने वाले साबित होंगे।अफसोस यह है कि विपक्ष झूठ का सहारा लेकर किसानों को उकसा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार गांव, गरीब और किसान की चिंता की है। भगत ने कहा है कि साल 2009 में यूपीए की सरकार में कृषि मंत्रालय का बजट मात्र 12 हजार करोड़ रुपये था। वह अब 1 लाख 34 हजार करोड़ रुपये है। इससे साफ है कि मोदी सरकार को किसानों की फिक्र है। केंद्र ने किसान हित में एक साल में 75 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इससे पहले ऐसा किसी सरकार ने नहीं किया। पीएम किसान योजना से अब तक 92 हजार करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में पहुंच चुके हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि अवसंरचना के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है। यह क्रांतिकारी पहल है। इसके अलावा मत्स्य पालन के लिए 20 हजार करोड़, पशुपालन के लिए 15 हजार करोड़, हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़, फूड प्रोसेसिंग के लिए 1000 करोड़ रुपये का पैकेज स्वीकृत किया है। भगत ने कहा कि किसानों को ऋण पर बहुत हद तक निर्भर रहना पड़ता है। मोदी सरकार में ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था आसान की है। यूपीए के समय किसानों को 8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज मिला था। अब 15 लाख करोड़ रुपये का ऋण किसानों को सालाना दिया जा रहा है। भाजपा नेता भगत ने कहा कि यूपीए सरकार ने स्वामीनाथन आयोग के सुझाव लागू नहीं किए। मोदी सरकार ने किसानों की पीड़ा समझते हुए सुझाव लागू किए। मोदी सरकार में न्यूनतम समर्थन मूल्य में कई गुना बढ़ोतरी की है। 2015-16 में धान का एमएसपी 1410 रुपये प्रति क्विंटल था। वह अब 1925 रुपये प्रति क्विंटल है। गेहूं की एमएसपी 1925 रुपये प्रति क्विंटल थी। अब 1975 रुपये की गई है। चने की एमएसपी पहले 4875 रुपये प्रति क्विंटल थी। अब 5100 रुपये की गई है। जौ की एमएसपी 1525 रुपये प्रति क्विंटल। यह 1600 रुपये की गई है। मसूर की एमएसपी 4800 रुपये प्रति क्विंटल थी। उसे 5100 रुपये किया गया है। सरसों की एमएसपी 4425 रुपये प्रति क्विंटल थी। उसे 4650 रुपये किया गया है। भगत ने कहा है कि मौजूदा कृषि विधेयकों से बिचौलियों की भूमिका खत्म होने के साथ किसानों को मुक्त बाजार उपलब्ध होगा। किसान ऊंची कीमतों पर अपनी उपज बेच सकेगा। मोदी सरकार ने किसानों को दोहरा फायदा दिया है। अगर किसान मंडी में उपज बेचता है तो उसे ऊंची एमएसपी पर कीमतें मिलेंगी। अगर मंडी से बाहर बाजार में बेचता है तो उसे ऊंची कीमत के साथ तकनीक का भी लाभ मिलेगा। इन विधेयकों से प्रधानमंत्री की एक राष्ट्र-एक बाजार की संकल्पना मजबूत हुई है। हिन्दुस्थान समाचार/ साकेती/मुकुंद-hindusthansamachar.in