विकलांगता अभिशाप नहीं : स्वामी चिदानन्द सरस्वती
विकलांगता अभिशाप नहीं : स्वामी चिदानन्द सरस्वती

विकलांगता अभिशाप नहीं : स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश, 03 दिसम्बर (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि विकलांगता अभिशाप नहीं है। किसी भी प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक अक्षमता के कारण केवल दूसरे सामान्य व्यक्तियों की तरह किसी कार्य को करने में अक्षम होना कोई अभिशाप नहीं है, बल्कि उन असामान्यता से उपर उठकर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ना ही तो जीवन है। हम सभी को मिलकर एक ऐसे समाज का निर्माण करना होगा जहां कमजोर और दिव्यांग जन सुरक्षित, सम्मानित, समृद्ध और समाज में गरिमामय जीवन जी सके। स्वामी सरस्वती ने कहा कि दिव्यांगजनों की शिक्षा, व्यवसाय, रोजगार और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिये भारत में अभी बहुत कुछ करना है। दिव्यांगजनों को सहानुभूति और सहायता की आवश्यकता नहीं है बल्कि उनकी सहायता के लिए संबंधित उपकरणों का अनुसंधान और विकास करने की जरूरत है ताकि अन्य सभी सुविधाओं और स्थानों तक उनकी पहुंच को आसान बनाया जा सके जिससे वें भी सक्षम रूप से जीवन जी सके। स्वामी जी ने कहा कि दिव्यांगों को सुविधायें प्रदान करने के साथ-साथ उनके प्रति जनसामान्य का जो नजरिया हैं वह भी सकारात्मक होना चाहिये। हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम-hindusthansamachar.in

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