रूपकुंड ट्रैक क्षेत्र में रात्रि विश्राम की अनुमति देने की मांग
रूपकुंड ट्रैक क्षेत्र में रात्रि विश्राम की अनुमति देने की मांग

रूपकुंड ट्रैक क्षेत्र में रात्रि विश्राम की अनुमति देने की मांग

गोपेश्वर, 10 दिसम्बर (हि.स.)। देश-विदेश के ट्रैकरों की पसंदीदा पर्यटक स्थानों में शुमार रहस्मयी रूपकुंड में देशी-विदेशी यात्रियों की चहल-पहल बढ़ गई है। लोगों ने पत्थीरीले बुग्याल बगुवांवासा एवं पातरनचैनियां में ट्रैकरों के रात्रि विश्राम की अनुमति देने की वन विभाग से मांग की है। रूपकुंड पर्यटन विकास संघर्ष समिति लोहाजंग के अध्यक्ष इंद्र सिंह राणा ने बदरीनाथ वन प्रभाग के उप वन संरक्षक गोपेश्वर को गुरुवार को भेजे पत्र में कहा है कि उच्च न्यायालय नैनीताल ने बुग्यालों क्षेत्रों में रात्रि प्रवास पर पूरी तरह से रोक लगाई हुई है। इसी के तहत पिछले दो-तीन सालों से साहासिक यात्राओं में शुमार रूपकुंड की यात्रा पर देशी -विदेशी पर्यटकों एवं साहासिक यात्रियों का आवागमन लगभग पूरी तरह से बंद हो गया है। पत्र में कहा है कि रूपकुंड आने-जाने में यात्रियों को कम से कम चार से पांच दिन लगते हैं। यात्रा बंद होने के कारण प्रति वर्ष करीब एक करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व का नुकसान हो रहा हैं। पत्र में कहा गया हैं कि रूपकुंड यात्रा ट्रैक पर पातरन चैनियां व बगुवावासा दो ऐसे क्षेत्र हैं जोकि बुग्यालों के बीच में तो स्थित हैं। दोनों स्थान मखमली बुग्यालों के बजाय पथरीले क्षेत्र हैं। यहां पर रात्रि विश्राम की इजाजत दिए जाने से बुग्यालों को किसी भी तरह की क्षति नही पहुंच सकती है और हाईकोर्ट के आदेशों की भी अवहेलना भी नहीं होगी। हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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