योग विषय नहीं, सम्पूर्ण जीवन पद्धति हैः रामदेव
योग विषय नहीं, सम्पूर्ण जीवन पद्धति हैः रामदेव

योग विषय नहीं, सम्पूर्ण जीवन पद्धति हैः रामदेव

-पतंजलि में धूमधाम से मनाई गई महर्षि धन्वन्तरि जयन्ती पर्व हरिद्वार, 13 नवम्बर (हि.स.)। हमारी परंपरा महर्षि पतंजलि, चरक, सुश्रुत व धन्वन्तरि की परंपरा रही है। हम इन्हीं की परंपरा के वंशज हैं। हम सब उनके प्रतिनिधि, प्रतिरूप, उत्तराधिकारी व ऋषि परंपरा के संवाहक हैं। योग सिर्फ विषय नहीं, वह संपूर्ण जीवन पद्धति है। यह उद्गार महर्षि धन्वन्तरि की जयन्ती के उपलक्ष्य में पतंजलि योगपीठ स्थित यज्ञशाला में आयोजित कार्यक्रम में स्वामी रामदेव ने व्यक्त किए। स्वामी रामदेव ने कहा कि दीपावली तथा होली हमारे मुख्य पर्व हैं। इनमें यज्ञों का विधान है। दीपावली पर शारदीय नवसस्येष्ठी यज्ञ तथा होली पर फाल्गुनी नवसस्येष्ठी यज्ञ में धान्यों का आधान करने की परंपरा रही है। योग केवल एक विषय नहीं है अपितु सम्पूर्ण जीवन पद्धति है। योग करने वालों का चरित्र, दृष्टि, आचरण, वाणी तथा व्यवहार शुद्ध व पवित्र होता है। योग पर वैज्ञानिक प्रयोग पूरी दुनिया में सिर्फ पतंजलि में हो रहा है। पतंजलि ने 20 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से योग की दीक्षा दी है और लगभग 400 करोड़ लोगों को योग से जोड़ने के लिए हम संकल्पित हैं। स्वामी रामदेव ने कहा कि पतंजलि के माध्यम से योग के साथ-साथ पूरे विश्व में आयुर्वेद का डंका बजने वाला है। सफेद दाग, हेपेटाइटिस-ए, बी, सी तथा लीवर सिरोसिस जैसे असाध्य रोगों का उपचार पतंजलि ने खोज लिया है। इसका लाभ आने वाले समय में पूरा विश्व लेगा। पतंजलि ने घुटनों की असहनीय पीड़ा का उपचार भी चूहों पर गहन अनुसंधान कर पीड़ानिल गोल्ड के रूप में खोजा है। अभी तक इसे लाइलाज बताकर एलोपैथ चिकित्सकों ने आर्थिक लूट की है। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आयुर्वेद के अवतार पुरुष महर्षि धन्वन्तरि स्मरणीय हैं। आज का दिन वैभवशाली है। हम आयुर्वेद परंपरा के संवाहक हैं। उन्होंने कहा कि पतंजलि के माध्यम से सृजन के अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं जिनमें आयुर्वेद का संरक्षण-संवर्धन व प्रचार-प्रसार मुख्य है। कोरोना संक्रमण से बचाव तथा उपचार में कोरोनिल आज पूरे विश्व में अपना लोहा मनवा रही है। आधुनिक विज्ञान ने भी कोरोनिल के चमत्कार को माना है। कोरोनिल के चमत्कारिक प्रभावों से पूरी मानव जाति लाभान्वित हो रही है। लक्ष्य के प्रति संकल्पित होने का भाव हमें अपने पूर्वजों से मिला है। कार्यक्रम में महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, कमलदास, पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. महावीर, मुख्य महाप्रबंधक ललित मोहन, पतंजलि अनुसंधान संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ. अनुराग वाषर्णेय, पतंजलि विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक वीसी पाण्डेय, साधना के साथ-साथ पतंजलि आयुर्वेद व पतंजलि विश्वविद्यालय के प्राध्यापक व छात्र-छात्राए उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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