पांच शताब्दी पुरानी हैं हरकी पैड़ी पर मिली लिपियांः प्रो. प्रभात
पांच शताब्दी पुरानी हैं हरकी पैड़ी पर मिली लिपियांः प्रो. प्रभात

पांच शताब्दी पुरानी हैं हरकी पैड़ी पर मिली लिपियांः प्रो. प्रभात

हरिद्वार, 04 नवम्बर (हि.स.)। हरकी पैड़ी पर खुदाई के दौरान साढ़ियों पर मिली लिखित लिपियों पर गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय हरिद्वार के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के प्रो. प्रभात कुमार का कहना है कि पाकिस्तान वैश्य समुदाय द्वारा उद्धृत 200-300 वर्ष प्राचीन मुरली लिपि का अंकन है। देवनागरी लिपि भारतीय भू-भाग की लिपि, 400 से 500 वर्ष पुरानी है। उन्होंने कहा कि पुरातत्व के क्षेत्र में हरकी पैड़ी पर बहुत सारी लिपियों का पूर्व में अध्ययन किया गया है। पुरातत्व विभाग की टीम ने गुप्त काल की लिपियों को भी यहां पर खोजा है। गुरुकुल कांगड़ी (समविश्वविद्यालय) हरिद्वार के कुलपति प्रो. रूपकिशोर शास्त्री ने कहा कि धर्मनगरी हरिद्वार की हरकी पैड़ी अत्यन्त पुरानी धरोहर है। इस स्थान से पुरातत्व विभाग पहले भी पुरातत्व सम्बन्धी शोध कार्य को कर चुका है। जैसा कि पुरातत्व विभाग के प्राध्यापकों ने बताया है कि खुदाई के दौरान सीढ़ियों पर लिपियों का अंकन है। इस जानकारी को विस्तार से प्राप्त करने के लिए पुरातत्व विभाग के टीम को निर्देशित किया गया है। फिलहाल सीढ़ियों पर लिखित लिपियों का फ्रेमिंग कराकर चित्र पुरातत्व विभाग में संग्रह के रूप में रख दिया जाएगा। कुलसचिव प्रो. दिनेश चन्द्र भट्ट ने कहा कि सनातन धर्म का तीर्थ स्थल हरकी पैड़ी है। आजादी से पूर्व बहुत से राजा महाराजाओं की छतरियां यहां पर स्थापित थीं। उन्हें अब मन्दिर का स्वरूप दे दिया गया है। इतिहास हमेशा अपने का दुहराता है। आज जिस लिपि की बात की जा रही है, वह सब हमारी प्राचीन धरोहर ही है। जिसे अब हम इतिहास के पन्नों में अंकित करने जा रहे हैं। जिन सीढ़यों पर लिपियों का अंकन किया गया है, उनका पुरातत्व विभाग द्वारा विश्लेषणात्मक अध्ययन किया जा रहा है। बहुत जल्द ही इन लिपियों की जानकारी समाज के सामने उजागर की जाएगी। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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