कोरोना: नैनीताल की जीआईएस प्रणाली को अन्य जिलों में भी लागू करने का अनुरोध
नैनीताल, 12 अक्टूबर (हि.स.)। डीएम सविन बंसल ने उत्तराखंड शासन से नैनीताल जिला प्रशासन द्वारा जीआईएस प्रणाली का उपयोग करते हुए कोरोना संक्रमण पर रोकथाम के लुए तैयार की गई एसओपी यानी मानक प्रचालन विधि की उपयोगिता को देखते हुए प्रणाली को अन्य जिलों में भी लागू किये जाने का अनुरोध किया है। डीएम बंसल ने इस संबंध में 5 अक्टूबर को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखंड शासन देहरादून को अर्द्ध शासकीय पत्र प्रेषित किया है। डीएम का कहना है कि इस प्रक्रिया के अंतर्गत डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय हल्द्वानी में कोविड-19 विषाणु से गम्भीर रूप से संक्रमित एवं मृत व्यक्तियों की सूचना गूगल स्प्रेडशीट पर नियमित अद्यतन रखते हुए इनका विवरण जीआईएस पोर्टल पर विश्लेषण करने के उपरांत कोरोना संक्रमण के लिए अति संवेदनशील क्लस्टर-क्षेत्रों का चिह्नीकरण नियमित रूप से किया जा रहा है। साथ ही इन क्लस्टर्स में कंटेनमेंट क्षेत्रों में आईआरटी टीमों के माध्यम से सघन डोर-टू-डोर चिकित्सकीय परीक्षण, सैम्पलिंग, कांट्रेक्ट टेªसिंग एंव आईईसी द्वारा वृहद प्रचार-प्रसार कर संक्रमण रोकथाम की कार्रवाई की जा रही है। इस प्रक्रिया के अन्तर्गत प्रथमतः हल्द्वानी नगर क्षेत्रान्तर्गत 15 अतिसंवेदनशील वार्डो की सूचना जीआईएस पोर्टल से प्राप्त की गई तथा 3-3 वार्डों के कुल 5 क्लस्टर गठित करते हुए कंटेनमेंट क्षेत्र निर्धारित करते हुए आईआरटी टीमों से कोरोना संक्रमण रोकथाम के लुए निर्धारित एसओपी के अनुसार कार्रवाई कराई गई। उन्होंने कहा है कि नियमित रूप से कोरोना संक्रमित गम्भीर मरीजों एवं कोरोना संक्रमण से मृत व्यक्तियों का गूगल स्प्रेडशीट पर अपलोड विवरण जीआईएस पोर्टल पर मैप किये जाने से पूर्व चिह्नित क्षेत्रों में मानक प्रक्रिया के अंतर्गत संक्रमण रोकथाम की प्रभावी कार्रवाई करने के उपरांत इन क्षेत्रों में संक्रमण कम हुआ। परिणामस्वरूप हल्द्वानी क्षेत्रांतर्गत 22 वार्डों न 2 अर्द्धशहरी क्षेत्रों को चिह्नित करते हुए कुल 8 क्लस्टर चिह्नित किये गए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/नवीन जोशी/मुकुंद-hindusthansamachar.in