कुमाऊं विवि के प्रो. साहू ने दो दिन के भीतर प्राप्त किया दूसरा पेटेंट
कुमाऊं विवि के प्रो. साहू ने दो दिन के भीतर प्राप्त किया दूसरा पेटेंट

कुमाऊं विवि के प्रो. साहू ने दो दिन के भीतर प्राप्त किया दूसरा पेटेंट

खराब हो चुकी प्रोमेथाजिन दवा को प्राकृतिक रूप में डिग्रेड कर नये प्रभावी ‘एंटी माइक्रोबियल’ उत्पाद बनाने का किया आविष्कार नैनीताल, 03 दिसम्बर (हि.स.)। कुमाऊं विश्वविद्यालय के नैनो साइंस सेंटर के प्रभारी प्रो. नंद गोपाल साहू ने दो दिन के भीतर दूसरा पेटेंट प्राप्त कर इतिहास रच दिया है। भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने उन्हें बृहस्पतिवार को डा. बीसी रॉय कॉलेज ऑफ फार्मेसी एंड एलाइड हेल्थ साइंसेज के डा. सौविक बसक तथ रुशम दास व नेहा के साथ ‘नेचुरल डिग्रेडेशन प्रोडक्ट्स ऑफ प्रोमैथेजाइन कंपाउंड’ नामक आविष्कार के लिए 20 वर्षों हेतु पेटेंट प्रदान किया गया है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व डा. साहू की पुराने प्लास्टिक कूड़े से बहुमूल्य कार्बनिक तत्व ग्राफीन बनाने का तरीका विकसित करने के लिए गत एक दिसंबर को पेटेंट प्राप्त हुआ था। उल्लेखनीय है कि कुमाऊं विश्वविद्यालय के 47 वर्ष के इतिहास में यह तीसरा पेटेंट मिला है। इससे पूर्व विश्वविद्यालय की जैव प्रौद्योगिकी विभाग की अध्यक्ष प्रो. वीना पांडे द्वारा पर्वतीय वनस्पति किल्मोड़ा की जड़ से एंटी डायबिटिक दवाई बनाने की खोज को अमेरिका से इंटरनेशनल पेटेंट हासिल हो चुका है। बताया गया है कि प्रो. साहू का यह आविष्कार प्रोमेथाजिन नामक दवाई के ‘नेचुरल डिग्रेडेशन’ पर आधारित है, जिसमें खराब हो चुकी प्रोमेथाजिन दवाई को प्राकृतिक रूप में डिग्रेड करके नये प्रभावी ‘एंटी माइक्रोबियल’ उत्पाद बनाए जा सकेंगे। इस उपलब्धि पर विभागाध्यक्ष प्रो. एबी मेलकानी सहित केंद्र के शोध छात्र मनोज कड़ाकोटी, संदीप पांडे, सुनील ढाली, गौरव ततराड़ी, चेतना तिवाड़ी, भाष्कर बोहरा, हिमानी तिवाड़ी, नीमा पांडे, मोनिका मटियानी, मयंक पाठक, अनीता राणा, नेहा कार्की, दीवान उनियाल व राजेंद्र कुमार आदि ने खुशी जताई है। डॉ. साहू ने आठ अन्य पेटेंट के लिए भी आवेदन किए दो दिन में दो पेटेंट प्राप्त करने वाले कुमाऊं विश्वविद्यालय के नैनो साइंस सेंटर के प्रभारी प्रो. नंद गोपाल साहू इसके अलावा आठ अन्य पेटेंट भी फाइल कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि कागज की रद्दी, रूई, खराब टायर, खेती के कूड़े, दवाइयों के कचरे व बांज की सूखी पत्तियों आदि से ग्राफीन बनाने तथा ग्राफीन से पेंट एवं कोविद-19 विषाणु से बचाव के लिए ग्राफीन मास्क बनाने की विधियों को पेटेंट कराने के लिए भी आवेदन कर चुके हैं। हिन्दुस्थान समाचार/नवीन जोशी।-hindusthansamachar.in

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