कर्मचारियों के अभाव में बंद पड़ा कताई बुनाई प्रशिक्षण केंद्र
कर्मचारियों के अभाव में बंद पड़ा कताई बुनाई प्रशिक्षण केंद्र

कर्मचारियों के अभाव में बंद पड़ा कताई बुनाई प्रशिक्षण केंद्र

गोपेश्वर, 23 नवम्बर (हि.स.)। देश में छोटे उद्योगों के जरिये भले ही सरकार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के नारे को जोर शोर से प्रचारित कर रही है, लेकिन पोखरी ब्लॉक के चांदनीखाल में ऐसे ही लघु उद्योगों के विकास के लिये 80 के दशक में शुरू किया गया प्रशिक्षण केंद्र वर्षों से कर्मचारियों के अभाव में बंद पड़ा है। वर्ष 1980 में पोखरी ब्लॉक के युवाओं को कताई और बुनाई के उद्योग के जरिये स्वरोजगार उपलब्ध कराने की मंशा से चांदनीखाल में खादी ग्रामोद्योग की ओर कताई बुनाई प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की गई थी। यहां ऊन की कताई-बुनाई के लिये मशीनें लगाने के साथ ही प्रशिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। सयुंक्त उत्तर प्रदेश में केंद्र का संचालन बेहतर तरीके से किया गया। राज्य निर्माण के बाद केंद्र की स्थिति दयनीय होती चली गई। वर्ष 2007 में तत्कालीन राज्य सरकार की ओर से यहां ग्रामीणों की मांग पर कर्मचारियों की तैनाती कर केंद्र का संचालन शुरू किया गया। वर्ष 2018 के बाद से कर्मचारियों की कमी के चलते ताला लटका हुआ है। अब यह केंद्र लावारिस पशुओं की शरणस्थली बन गया है। क्षेत्र पंचायत सदस्य भरत नेगी, सन्तोष नेगी, प्रधान विनोद लाल, प्रदीप बत्र्वाल आदि का कहना है कि केंद्र में कर्मचारियों की तैनाती कर युवाओं को प्रशिक्षित करना चाहिए। क्षेत्रीय प्रबंधक, हथकरधा, श्रीनगर जीएस मेर का कहना है कि गढ़वाल में खादी ग्रामोद्योग की ओर से संचालित केंद्रों में कर्मचारियों की भारी कमी है। इसके चलते केंद्रों का संचालन कर पाना मुश्किल है। चांदनीखाल प्रशिक्षण केंद्र उत्पादन कम होने और कर्मचारियों की कमी के चलते बंद है। शासन को सूचना दी गई है। शासन की ओर से कर्मचारियों की तैनाती के बाद केंद्र का संचालन करवाया जा सकेगा। हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/ मुकुंद-hindusthansamachar.in

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