एनआईओएस डीएलएड प्रशिक्षितों को सरकारी प्राथमिक शिक्षकों के पदों के लिए अर्ह माना जाए
नैनीताल, 24 दिसम्बर (हि.स.)। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनआईओएस) से डीएलएड प्रशिक्षित शिक्षकों को बिहार की तर्ज पर उत्तराखंड में निकली शिक्षक भर्ती परीक्षा में अनुमति देनी होगी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय में अंडर सेक्रेट्री अशोक गिरि ने इस संबंध में उत्तराखंड सहित सभी राज्यों के शिक्षा सचिवों को पत्र लिखा। उन्होंने यह पत्र उत्तराखंड एनआईओएस डीएलएड टीईटी शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष नंदन बोहरा से नई दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय में मुलाकात के बाद जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि बिहार उच्च न्यायालय ने अपने 21 फरवरी 2020 के आदेश में कहा है कि इन प्रशिक्षित शिक्षकों को प्राथमिक शिक्षा के सरकारी विद्यालयों में आवेदन दी जाए और उनकी डिग्री को इस के लिए अर्ह माना जाए। एनसीटीई एवं विभाग बिहार उच्च न्यायालय के आदेश को स्वीकार चुका है। बोहरा ने बताया कि उन्होंने नई दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों से मिलकर एनआईओएस डीएलएड का पत्र केवल उत्तराखंड नहीं वरन पूरे देश के लिए जारी करने का अनुरोध किया था। इसे स्वीकार करते हुए मानव संसाधन मंत्रालय के अंडर सेक्रेट्री अशोक गिरि ने लिखा कि एनसीटीई द्वारा बिहार बिहार राज्य के लिए पूर्व में जारी पत्र एवं पटना उच्च न्यायालय द्वारा एनआईओएस डीएलएड प्रशिक्षुओं के पक्ष में दिये गये निर्णय को देखते हुए सभी राज्यों के शिक्षा सचिवों को इस डिप्लोमा को भी मान्य करने का आदेश जारी किया। इससे समस्त एनआईओएस डीएलएड में खुशी की लहर है। बोहरा ने बताया कि मंत्रालय ने उन्हें भी यह पत्र दिया है। इस पत्र के जारी होने के बाद उन्हें सभी राज्यों से बधाई मिल रही है। उन्होंने बताया कि एनआईओएस डीएलएड प्रशिक्षु लंबे समय से निजी व प्राइवेट विद्यालयों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। केंद्र व राज्य सरकार ने उन्हें अप्रशिक्षित शिक्षकों के रूप में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार एनआईओएस से डीएलएड का प्रशिक्षण दिलाकर उपाधि दिलाई। हिन्दुस्थान समाचार/नवीन जोशी।-hindusthansamachar.in