मलारी हाईवे पर रैंणी में वैली ब्रिज पर शुरू हुई वाहनों की आवाजाही
गोपेश्वर, 05 मार्च (हि.स.)। चमोली जिले के जोशीमठ विकास खंड के तपोवन-रैंणी आपदा में मलारी हाईवे पर क्षतिग्रस्त रैणी पुल के विकल्प के तौर पर बनाए गए वैली ब्रिज पर शुक्रवार को वाहनों का आवागमन शुरू हो गया। इसे बीआरओ ने तैयार किया है। बीआरओ के चीफ इंजीनियर एएस राठौरा और अन्य अधिकारियों ने वाहनों की आवाजाही करवाकर पुल का शुभारंभ किया। पुल का संचालन शुरू होने से अब नीति घाटी के 13 गांवों की आवाजाही सुचारु हो गई है। 7 फरवरी को ऋषिगंगा नदी में आई जल प्रलय से रैंणी में जोशीमठ-मलारी हाईवे पर बना मोटर पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। इससे यहां नीति घाटी के 13 गांवों का सड़क सम्पर्क बाकी दुनिया से कट गया था। बीआरओ ने यहां 25 दिन में वैली ब्रिज तैयार किया है। बीआरओ ने यहां 200 फीट स्पान के पुल का निर्माण किया है। पुल के दोनों छोर पर स्थिर भूमि की अनुपलब्धता के चलते पुल का निर्माण तीन मंजिला फेब्रिकेशन वर्क के साथ किया गया है। बीआरओ के चीफ इंजीनियर एएस राठौर ने बताया कि पुल का निर्माण रिकार्ड वक्त में पूर्ण किया गया है। मलबा हटाने के बाद आठ दिनों में पुल को जोड़ने का कार्य पूरा किया गया है। पुल से वाहनों की आवाजाही सुचारु कर दी गई है। अब जल्द ही यहां स्थाई पुल निर्माण कार्य भी शुरू किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/मुकुंद