Uttarkashi Tunnel: सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मज़दूर, 'मिशन जिंदगी' अभियान जारी, इंतजार की घड़ियां होंगी खत्म

Uttarkashi News: सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने का अभियान अब आखिरी पड़ाव पर है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर PM नरेन्द्र मोदी और CM पुष्कर सिंह धामी पल-पल नजर रख रहे हैं।
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उत्तरकाशी, हि.स.। सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने का अभियान अब आखिरी पड़ाव पर है। उम्मीद की जा रही है सबकुछ ठीक-ठीक रहा तो आज सभी मजदूर सही-सलामत बाहर आ जाएंगे। इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पल-पल नजर रख रहे हैं।

बचाव अभियान में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा

ऑगर ड्रिलिंग मशीन के प्लेटफार्म के नीचे हो रही कैंकरीटिंग के चलते कल कार्य रोक दिया गया था। इस बचाव अभियान में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके बारे में स्क्वाड्रन इंफ्रा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के एमडी और सीईओ सिरिएक जोसेफ कहते हैं कि यह ड्रोन तकनीक नवीनतम है। यह ड्रोन सुरंग के अंदर जा सकता है। जिन क्षेत्रों में जीपीएस काम नहीं करता इसकी पहुंच वहां भी है।

बचावकर्मी सिल्कयारा सुरंग में 46.8 मीटर तक ड्रिल कर चुके

अब तक, बचावकर्मी सिल्कयारा सुरंग में 46.8 मीटर तक ड्रिल कर चुके हैं। अब से कुछ समय बाद रेस्क्यू ऑपरेशन दोबारा शुरू होने की उम्मीद है। ऑस्ट्रेलिया के अंतरराष्ट्रीय टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स का कहना है कि हम लोग अब बिल्कुल दरवाजे पर खड़े हैं।

शाम तक मजदूरों के बाहर आने की उम्मीद

उत्तरकाशी सुरंग बचाव पर पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि अभी स्थिति काफी ठीक है। कल रात हमें दो चीज़ों पर काम करना था। सबसे पहले, हमें मशीन के प्लेटफॉर्म का पुनर्गठन कर दिया और इसके बाद पाइप पर जो थोड़ा दबाव था उसे काटने का काम चल रहा है। ये पूरा हो जाने के बाद हमने ऑगर ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पार्सन्स कंपनी ने ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार से जो अध्ययन किया है उसे हमें पता चला कि अगले 5 मीटर तक कोई धातु अवरोध नहीं है। इस हिसाब से अगर ड्रिल मशीन ठीक चली तो पाइप सुरंग में फंसे मजदूरों के बेहद करीब पहुंच जाएगा। शाम तक उनके बाहर आने की उम्मीद है।

चिकित्सका टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया

उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकाले जाने के बाद चिकित्सीय सुविधा देने के लिए एम्स ने भी पूरी तैयारियां की हैं। एम्स प्रशासन का कहना है कि यदि मजदूरों को एम्स भेजा गया तो उन्हें बेहतर चिकित्सीय सुविधा प्रदान की जाएगी।

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