उत्तराखंड, रफ्तार डेस्क। अभी ताज़ा जानकारी के मुताबिक सुरंग में तीन मजदूरों की तबियत बिगड़ने की खबर सामने आयी है। डॉक्टर की टीम वहां मौजूद है, उन्होंने पाइप के जरिए दवाएं भेजी है। तीनो मजदूरों को सिरदर्द उल्टी और सीने में दर्द की की समस्या हुई। बहुत से मजदूरों ने खाना खाना छोड़ा, मजदुर काफी तनाव में है। परिजनों से बात कर हुए भावुक। उनकी मानसिक परेशानी को देखते हुए मनोचिकित्सक को मौके पर भेज दिया गया है।
मलबे को मैनुअली हटाया जायेगा
उत्तराखंड के सिलक्यारा में 14 दिन से 41 मजदूरों के जीवन को बचाने का अभियान जारी है। रेस्क्यू ऑपरेशन अपने अंतिम चरण में है। हालांकि अभियान में बहुत सी बाधाएं आ रही है। कार्यदल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए प्रयासरत हैं। बीती रात सिल्कयारा टनल रेस्क्यू में उस समय रुकावट आ गयी, जब ऑगर मशीन फिर से रुक गयी। अब मलबे को मैनुअली हटाने पर विचार किया जा रहा है।
नरेंद्र मोदी चिन्यालीसौड़ अस्पताल में मजदूरों से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से जुड़ेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 41 मजदूरों के स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित है। वह सिल्कयारा टनल रेस्क्यू अभियान का लगातार अपडेट ले रहे है। मजदूरों का रेस्क्यू होते ही उनके स्वास्थ्य की पूरी जांच की जाएगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मजदूरों का मनोबल बढ़ाने के लिए चिन्यालीसौड़ अस्पताल से वीडियो कांफ्रेंसिंग करेंगे और उनका हालचाल पूछेंगे। चिन्यालीसौड़ अस्पताल में वीडियो कॉन्फ्रेंस के सारे इंतज़ाम पूरे कर लिए गए है।
ऑगर ड्रिलिंग मशीन को पाइपलाइन से हटा लिया गया
ऑगर मशीन के ब्लेड सरियों में फंस जाने के कारण अब मैन्युअल ड्रिलिंग करने का फैसला लिया गया है। मजदूरों के बीच की दुरी मात्र 6 से 9 मीटर की है। जानकारी के मुताबिक ऑगर ड्रिलिंग मशीन को पाइपलाइन से हटा लिया गया है। अब मैन्युअल ड्रिलिंग द्वारा ही इस रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया जायेगा। मजदूरों ने काफी हिम्मत बनाई हुई है। मौके पर मौजूद अधिकारी भी उनका मनोबल बढ़ाने के लिए साइट पर उपस्थित हैं। सिल्क्यारा सुरंग में बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के 41 मजदूर फंसे हुए हैं।
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