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अधिवक्ताओं की आर्थिक मदद पर सरकार से मांगा जवाब

नैनीताल, 28 मई (हि.स.)। हाईकोर्ट ने कोरोनाकाल में वैश्विक महामारी की मार झेल रहे अधिवक्ताओं की आर्थिक मदद या उनको ब्याज रहित ऋण दिलाए जाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर राज्य सरकार को 11 जून तक स्पष्ट जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। सुनवाई के दौरान सरकार की निक्रियता पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए टिप्पणी की है कि अधिवक्ता वर्ग समाज का एक बुद्धिजीवी व आधार स्तम्भ है। वैश्विक महामारी के दौरान यह वर्ग आर्थिक तंगी व मानसिक तनाव झेल रहा है और सरकार इनकी मदद करने के लिए देख भी नही रही है, जहां कर्नाटक, तेलांगना और राजस्थान जैसे राज्य अपने अधिवक्ताओं की मदद करने के लिए 10 से 25 करोड़ रुपये तक की आर्थिक मदद कीत व्यवस्था कर रही हैं, वहीं राज्य सरकार अनदेखी कर रही है। मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार अधिवक्ता चंद्र शेखर जोशी एवं अधिवक्ता अमित वर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि पिछले डेढ़ साल से अधिवक्ताओ का विधि व्यवसाय कोरोना महामारी के कारण पूर्ण रूप से प्रभावित हो चुका है। अधिवक्ताओ के सामने रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत जरूरतमंद अधिवक्ताओं को ब्याज रहित ऋण या आर्थिक सहायता दिलाई जाए। हिन्दुस्थान समाचार/ लता नेगी

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