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देवप्रयाग में दूषित पेयजल आपूर्ति होने से लोग परेशान

-नदी और हैंडपम्प से पानी ढोने को मजबूर नगरवासी -लोगों ने जल संस्थान से समस्या हल करने की मांग की नई टिहरी, 10 मई (हि.स.)। तीर्थनगरी देव प्रयाग में 72 घंटे बंद के साथ ही दूषित पेयजल की आपूर्ति होने से नगरवासियों की दिक्कतें बढ़ी हैं। नगर में लगातार तीन दिनों से गंदा पानी आने से लोग नदियों और हैंडपम्पों से पानी ढोने को मजबूर हैं। देवप्रयाग नगरवासी कोरोना संक्रमण की दहशत के साथ ही जलापूर्ति का संकट भी झेल रहे हैं। नगर में दो पेयजल योजनाओं से जलापूर्ति होती है, जिनमें लगातार दूषित पानी आने से वह पानी किसी उपयोग में नहीं आ रहा है। पूर्व सभासद विद्यार्थी पालीवाल का कहना है कोरोना संक्रमण के कारण 72 घण्टे के बन्द से नगरवासी राशन, सब्जी, दूध का संकट तो झेल ही रहे हैं, वहीं पेयजल के लिए भी लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। घरों में दूषित जलापूर्ति होने से नगरवासियों को भागीरथी और अलकनंदा नदी से किसी तरह पानी ढोकर काम चलाना पड़ रहा है। वहीं जल संस्थान अधिशासी अभियंता नरेशपाल सिंह का कहना है कि भारी बारिश से नगर की जलापूर्ति करने वाले दीवानी और रंदी स्रोत पर अत्याधिक मिट्टी आ गई है। पेयजल स्त्रोत पर बने उतरांचल कूप पर मलबा भरने से यह स्थिति बनी थी, अब इनकी पूरी तरह सफाई कर दी गयी है। नगरवासी को जल्द स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति शुरू कर दी जाऐगी। हिन्दुस्थान समाचार/प्रदीप डबराल/

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