नसबंदी के बाद भी बच्चा होने पर साढ़े चार लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश

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हरिद्वार, 10 अप्रैल (हि.स.)। जिला उपभोक्ता आयोग ने चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को उपभोक्ता सेवा में कमी करने का दोषी पाया है। आयोग ने चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहादराबाद व मुख्य चिकित्सा अधिकारी जनपद हरिद्वार को मुआवजे के रूप में साढ़े चार लाख रुपये ,मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 10 हजार रुपये और शिकायत खर्च व अधिवक्ता फीस के रूप में पांच हजार रुपये शिकायतकर्ता महिला को देने के आदेश दिए हैं। प्रतिभा पत्नी अर्जेस निवासी ग्राम शिवदासपुर उर्फ तेलीवाला रुड़की ने चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहादराबाद व मुख्य चिकित्सा अधिकारी जनपद हरिद्वार के खिलाफ एक शिकायत दायर की थी। शिकायत में बताया था कि उसने स्थानीय अस्पताल में नसबंदी का ऑपरेशन कराया था। चिकित्सक ने उसे नसबंदी ऑपरेशन के बाद कभी भी गर्भधारण नहीं होने का आश्वासन दिया था। लेकिन नसबंदी ऑपरेशन के बावजूद भी उसका गर्भ धारण हो गया था, जबकि शिकायतकर्ता महिला के पूर्व में छह बच्चे हैं। नसबंदी के बाद पैदा हुए बच्चे के भविष्य व शिक्षा पर आर्थिक बोझ बढ़ने की चिंता जाहिर की। इसपर शिकायतकर्ता ने दोनों अधिकारियों से मुआवजे की मांग की थी। शिकायत की सुनवाई करने के बाद आयोग अध्यक्ष कंवर सेन, सदस्य विपिन कुमार व अंजना चड्ढा ने दोनों स्वास्थ्य अधिकारियों को उपभोक्ता सेवा में कमी व लापरवाही बरतने का दोषी ठहराया है। हिन्दुस्थानसमाचार/रजनीकांत/मुकुंद

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