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सनातन धर्म का अपमान बर्दाश्त नहींः राजेंद्रदास

हरिद्वार, 18 मई (हि.स.)। बैरागी कैंप में तोड़े गए तीनो वैष्णव अनी अखाड़ों के मन्दिरों एवं संत निवास के पुनर्निर्माण की मांग को लेकर वैष्णव संतों का धरना लगातार तीसरे दिन मंगलवार को भी जारी रहा। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन, नया उदासीन व नाथ सम्प्रदाय के संतों के अलावा कई स्थानीय संतों ने धरनास्थल पर पहुंचकर बैरागी अनी अखाड़ों को अपना समर्थन प्रदान किया। धरने पर बैठे वैष्णव अखाड़ों के संतो की मांग है कि मुख्यमंत्री की सहमति व सरकार से मिले धन से किए जा रहे संत निवास व मंदिरों को तोड़ने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और तोड़े गए संत निवास व मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया जाए। इस मौके पर श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि प्राचीन काल से ही कुंभ मेले में वैष्णव अखाड़ों व खालसों के शिविर बैरागी कैंप में ही स्थापित होते आए हैं। यह सब सरकारी दस्तावेजों में दर्ज है। लेकिन वैष्णव अखाड़ों द्वारा बैरागी कैंप की भूमि पर कराए जा रहे संत निवास के निर्माण व पूर्व से स्थापित मंदिरों को अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया गया। बैरागी कैंप में ही अतिक्रमण कर किए गए अन्य अवैध निर्माण को अनदेखा कर सरकार व प्रशासन ने केवल वैष्णव अखाड़ों पर कार्रवाई की है। हनुमान मंदिरों को तोड़कर सनातन हिंदू धर्म का अपमान किया गया। हिंदू धर्म के इस अपमान के खिलाफ जल्द ही देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस मौके पर श्रीपंच दिगम्बर अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत कृष्णदास महाराज, महंत महेशदास, महंत नरेंद्र दास, महंत संत रामसेवक दास, महंत दुर्गादास, महंत विष्णुदास, महंत भगवान दास खाकी, महंत बिहारी शरण दास, महंत नारायण दास पटवारी, महंत सूरज दास, महंत प्रहलाद दास, महंत अगस्त दास, नीलेश्वर मंदिर के परमाध्यक्ष महंत प्रेमदास, महंत भगवान दास खाकी, महंत मनीष दास, महंत रामदास, महंत गजेंद्र दास, महंत पदमदास नागा, महंत सूरज दास, महंत राजेंद्रदास, महंत ब्रहमाण्ड गुरू अनन्त महाप्रभु, स्वामी प्रकाशानंद, महंत अंकित दास, सुरेश अवस्थी, करन शर्मा, दिवाकर शर्मा, विशाल शर्मा, पंकज दास, लक्ष्य शर्मा आदि मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत

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