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खादी ग्रामोद्योग बोर्ड होगा पुनर्जीवित, 11,684 रोजगार सृजित

सात दिन में विभाग तैयार करेगा रोडमैप, 2015 के बाद पहली बार विभागीय मंत्री पहुंचे बोर्ड मुख्यालय देहरादून, 02 जून (हि.स.)। उत्तराखंड खादी ग्रामोद्योग बोर्ड को पुनर्जीवित करने, फैशन में लाने और मॉडर्न बनाने की दिशा में विभागीय मंत्री गणेश जोशी ने आगामी सात दिनों में विस्तृत कार्ययोजना बनाने के लिए निर्देश दिए हैं। साल 2017 से अब तक बोर्ड में 11,684 रोजगार सृजित किए हैं। बुधवार को थानो रोड पर भोपालपानी स्थित खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के कार्यालय मुख्यालय पहुंच कर जोशी ने खादी एवं ग्रामोद्योग समीक्षा बैठक की। मंत्री ने सभी कार्मिकों के साथ फेस-टू-फेस विस्तार से जानकारी ली। मुख्य कार्यपालक अधिकारी, अपर सीईओ तथा अन्य अधिकारियों को 7 दिनों में रोडमैप तैयार करने को कहा। खादी ग्रामोद्योग बोर्ड में नवनियुक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुरेश चन्द्र जोशी ने बताया कि बोर्ड के मंत्री के आज के दौरे से कार्मिकों में नया उत्साह आया है। 2015 के बाद से आज पहली बार ऐसा हुआ है कि विभागीय मंत्री जो कि बोर्ड के चेयरमैन भी हैं, हमारे मुख्यालय आए हैं। चेयरमैन को बताया गया कि बोर्ड में 248 पदों के सापेक्ष मात्र 122 नियमित एवं 21 आउटसोर्स के कर्मचारी कार्यरत हैं। कालाढूंगी एवं पौड़ी में स्थापित प्रशिक्षण केन्द्रों को पुनर्जीवित करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। बोर्ड की ओर से 2017 से इस वर्ष तक 11,684 रोजगार सृजित किए हैं। इस कार्ययोजना के बाद बेहद आवश्यक एवं तकनीकी दक्षता वाले रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्तियां की जाएंगी। फैशन ट्रेड के अनुसार खादी उत्पादों के गुणवत्ता तथा आधुनिक तकनीक के मिश्रण से बाजार में पहुंचाया जाएगा। गणेश जोशी ने कहा कि आधुनिक फैशन तथा वस्त्र तकनीकी के जानकारों को व्यक्तिगत तौर पर अथवा ऐसे संस्थानों जैसे कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी की सेवाएं प्राप्त की जाएं। बाजार विपणन के अत्याधुनिक रिटेल चेन,आउॅटलेट चेन के माध्यम से उत्पादों को विक्रय का प्लेटफार्म मिलेगा। उत्पादों की पैकेजिंग तथा डिजाइन को आधुनिक बनाया जाएगा। इस मौके पर अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुरेश चन्द्र जोशी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष दीपक पुण्डीर सहित बोर्ड के वित्त नियंत्रक, उप सीईओ एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। प्रथम चरण की कार्ययोजना -खादी प्रशिक्षण सेंटरों को अतिशीघ्र चालू किया जाए। -चम्बा, श्रीनगर,अल्मोड़ा एवं जसपुर में स्थापित उत्पादन ईकाईयों को पुनर्जीवित और वर्तमान बाजार ट्रेंड को अपडेट। -नई टेक्नोलाजी के साथ काम करने वाले तकनीशियनों तथा विशेषज्ञों की भर्ती। -यदि कोई उत्पादन इकाई उत्पादन नहीं कर रही है और कच्चे माल तथा कारीगरों की उपलब्धता से उत्पादन -तथा रोजगार में बढ़ोत्तरी संभव हो तो इकाई को तत्काल स्थानान्तरित। -सर्वोच्च प्राथमिकता उत्पादों के क्वालिटी कंट्रोल पर। -मुख्यालय स्थित भवन के निकट दो एकड़ भूमि में प्रशिक्षण केन्द्र कम केन्द्रीय भण्डारण गृह बनाने के लिए भारत सरकार के लिए प्रस्ताव बनाया जाए। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश

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