हरीश रावत ने गंगा को नहर घोषित पर मांगी माफी
हरीश रावत ने गंगा को नहर घोषित पर मांगी माफी

हरीश रावत ने गंगा को नहर घोषित पर मांगी माफी

हरीश बोले, सत्तासीन होने पर बदलूंगा गंगा को स्कैप चैनल घोषित करने का निर्णय हरिद्वार,14 जुलाई (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी गलती के लिए मां गंगा से माफी मांगी है। उन्होंने ऐसा साल 2016 में अपने ही कार्यकाल में गंगा को स्कैप चैनल घोषित करने के निर्णय पर किया। रावत अब भाजपा की वर्तमान सरकार से इस निर्णय को बदलने की मांग कर रहे हैं। इस मामले पर संतों का कहना है कि सुबह का भूला अगर शाम को वापस आए तो उसे भूला नहीं कहते हैं। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत मंगलवार को अपने दौरे पर हरिद्वार आए थे। इस दौरान उन्होंने कनखल स्थित बड़ा अखाड़ा उदासीन पहुंचकर संत और गंगा सभा के पदाधिकारियों से मुलाकात की और संतों से आशीर्वाद भी लिया। इस मौके पर हरीश रावत ने साल 2016 में हरकी पैड़ी से बहने वाली गंगा को स्कैप चैनल घोषित करने के लिए जनसमुदाय से माफी भी मांगी। इस मौके पर पूर्व सीएम रावत ने कहा कि साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के फलस्वरूप एनजीटी की तलवार लटक रही थी। इस वजह से 300 से ज्यादा निर्माण ध्वस्त किए जा रहे थे। एनजीटी ने सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। उस वक्त समय कम होने की वजह से टेक्निकल बदलाव करते हुए आदेश जारी कर इन निर्माणों को ध्वस्त होने से बचाया था। उस समय उनकी सरकार की ओर से लिए गए निर्णय से जिन लोगों की भावना आहत हुई है, उनसे क्षमा मांगते हैं। बड़ा उदासीन अखाड़े के महंत दुर्गादास ने कहा कि अगर सुबह का भूला शाम को वापस आए तो उसे भूला नहीं कहते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने आज संतों, गंगा सभा और हरिद्वार के नागरिकों के सामने अपनी भूल को मान लिया है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस भूल को सुधारा जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार को भी इस निर्णय को अविलंब निरस्त करना चाहिए। गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस बात को महसूस कर रहे हैं कि उनसे तत्कालीन समय में गलत फैसला हुआ है। गंगा को चैनल घोषित करना धर्म पर कुठाराघात है। बीते चार सालों से इस निर्णय को बदलने की मांग उठ रही है। गंगा को स्कैप चैनल कहकर संबोधित करने से हरिद्वार में आक्रोश है। लिहाजा त्रिवेंद्र सरकार जल्द हरकी पैड़ी पर गंगा को निर्मल धारा घोषित करें। ऐसे में निर्णय में बदलाव नहीं किया जाता है तो इसके लिए आंदोलन किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in