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कुंभ मेला सकुशल सम्पन्न होने पर हरिगिरि ने किया विशेष गोपनीय अनुष्ठान

हरिद्वार, 28 अप्रैल (हि.स.)। कुंभ मेला के सफल, निर्विध्न व शांतिपूर्ण सम्पन्न हो जाने पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री एवं श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि ने मंगलवार रात गोपनीय विशिष्ट अनुष्ठान किया। इस विशेष अनुष्ठान में मात्र तीन संतों ने हिस्सा लिया। मातृशक्ति के रूप में अखाड़े की निर्माण मंत्री सहज योगिनी माता शैलजा गिरि व किन्नर अखाड़े की आचार्य महामण्डलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी उपस्थित रहीं। हरिद्वार की अधिष्ठात्री मायादेवी मन्दिर के प्रांगण में स्थित बरगद के पेड़ के नीचे तीनों संतों ने समवेत स्वर में बीज मंत्रों के उच्चारण के साथ हवन कुण्ड में आहुतियां डालीं। अनुष्ठान समापन के बाद श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते राष्ट्र तथा विश्व के साथ-साथ कुंभ मेला 2021 की सफलता पर भी अनिष्ठ के बादल मंडरा रहे थे, इसके शमन के लिए ही उन्होंने इस अत्यन्त गोपनीय तथा विशिष्ट यज्ञ अनुष्ठान का संकल्प लिया था। उन्हें पूर्ण विश्वास था कि कुंभ मेला निर्विध्न सम्पन्न होगा। अब कोरोना का भी प्रभाव भी क्षीण होता जायेगा। श्रीमहंत हरिगिरि ने बताया कि हमारी सनातन वैदिक परम्परा में यज्ञों का उत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है। वैदिक काल से ही विभिन्न मनोरथों की सिद्वि के लिए विशेष यज्ञ, पुत्रयेष्टि यज्ञ, मेघवर्षा यज्ञ, राजसूय यज्ञ, अश्वमेघ यज्ञ के साथ राजा परीक्षित के पुत्र जन्मेजय का सर्पों के विनाश के लिए किया गया सर्पयज्ञ आदि वर्तमान में भी जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि इस बार कुंभ मेला का समापन कराना किसी कठिन चुनौती से कम नही था, वैश्विक महामारी के इस दौर में तमाम कठिनाइयां सामने आ रही थीं, लेकिन शासन के निर्देश के साथ ही मेला प्रशासन के अधिकारियों की लगनशीलता के चलते मेला सकुशल सम्पन्न हो गया। सनातन धर्म में कुंभ मेला का विशेष महत्व है, चाहे स्थिति कठिन हो, लेकिन कुंभ के सनातन परम्परा को नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने कहा कि 1938 में जब आपदा आई थी तब मेले को बीच में ही निरस्त कर दिया गया था और यह पहली बार है कि मेला सकुशल अच्छी तरीके से संपन्न हुआ है। हालांकि अन्तिम शाही स्नान में प्रतीकात्मक स्नान के कारण अखाडों से संतों ने सीमित संख्या में स्नान किया, लेकिन स्नान का निर्विघन्न सम्पन्न होना सनातन धर्म के साथ सभी के लिए अत्यन्त महत्पूर्ण उपलब्धि है। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत

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