उत्तराखंड में बेमौसम बारिश से फसलों को हुआ भारी नुकसान, चारों धामों में भी यात्रा की तैयारी ठप

केदारनाथ का पैदल मार्ग बर्फ से ढका हुआ है खास बात यह है कि जितनी बर्फ हटाई जाती है उससे कई गुना ज्यादा बर्फ हर रोज जमा हो जाती है।
बारिश और बर्फबारी से किसानों की मुसीबत बढ़ी
बारिश और बर्फबारी से किसानों की मुसीबत बढ़ी

देहरादून, एजेंसी। आसमान से बरस रही आफत किसानों को मुसीबत में डालने वाली है। अभी भी बारिश का अंत होता नहीं दिखाई दे रहा है। 4 अप्रैल तक प्रदेश में बारिश , बर्फबारी और ओलावृष्टि की संभावना है। बीते 4 दिनों में तेज हवाओं के साथ हुई बारिश और बर्फबारी के कारण जहां किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है वहीं फल और सब्जी की फसल भी चौपट हो गई है। चार धाम यात्रा की तैयारियों में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कृषि और आपदा प्रबंधन विभाग से हालिया स्थिति पर रिपोर्ट मांगी गई है। सभी जिलाधिकारियों से नुकसान का आकलन करने को कहा गया है।

मैदानी क्षेत्रों में कृषि और बागवानी को भारी नुकसान हुआ है

उत्तराखंड में हो रही बेमौसम बारिश और बर्फबारी के कारण जहां पहाड़ों पर जनजीवन प्रभावित हुआ है वहीं मैदानी क्षेत्रों में कृषि और बागवानी को भारी नुकसान हुआ है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि सभी चारों धामों में बर्फबारी के कारण यहां चल रही यात्रा की तैयारियां लगभग ठप हो चुकी हैं। केदारनाथ का पैदल मार्ग बर्फ से ढका हुआ है खास बात यह है कि जितनी बर्फ हटाई जाती है उससे कई गुना ज्यादा बर्फ हर रोज जमा हो जाती है। केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में बीते कई दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है, अभी तक कई फीट बर्फ जमा हो चुकी है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी अगर सच होती है तो अभी तीन-चार दिन बर्फबारी होने से हालात और अधिक बिगड़ सकते हैं। ऊंचाई वाले इलाकों में भीषण सर्दी के कारण यहां चल रहे काम लगभग ठप हो चुके हैं। जबकि अभी बहुत सारे काम होने बाकी हैं तथा यात्रा शुरू होने में अब महज 23-24 दिन ही शेष बचे हैं।

पिथौरागढ़ के ब्यास और दारमा में भारी बर्फबारी से जनजीवन प्रभावित हुआ है

भारी बारिश और बर्फबारी के कारण पूरे प्रदेश में शीतलहर से लोग परेशान हैं। गेहूं और सरसों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। आम और लीची का बौर काला पड़ने लगा है। नदी नाले उफान पर हैं। पहाड़ों पर आवागमन भी प्रभावित हुआ है। रामनगर ढोडा नाले में आए उफान में एक यात्री बस बह गई, जिसमें सवार 27 लोगों की जान मुश्किल से बच सकी। कालू सिद्ध के पास चार मजदूर नदी में फस गए थे जिन्हें बमुश्किल रेस्क्यू कर निकाला गया। बागेश्वर के रीमा में आसमानी बिजली से एक 10 वर्षीय लड़की घायल हो गई। इस आपदा का प्रभाव बिजली और पेयजल व्यवस्था पर भी पड़ा है। उधर पिथौरागढ़ के ब्यास और दारमा में भारी बर्फबारी से जनजीवन प्रभावित हुआ है। हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल में भारी बारिश, ओलावृष्टि से फसलें 50 फीसदी तक खराब हो चुकी हैं। अगर आगे भी बारिश जारी रहती है तो यह नुकसान और अधिक बढ़ सकता है।

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