जरूरतमंदों के चेहरे पर मुस्‍कान बिखेरती सबकी रसोई

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पौड़ी, 19 मई (हि.स.)। जब भी किसी अस्पताल या चौराहे पर एक काले रंग की स्कार्पियो रुकती है तो यहां मौजूद फ्रंटलाइन वर्कर्स के चेहरे पर एक राहत भरी मुस्कान आ जाती है, क्योकि इस स्कार्पियो से 24 घंटे कोरोना से लड़ने वाले इन फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए भोजन आता है। ये कोई सरकारी सुविधा नहीं है, बल्कि जय हो छात्र संगठन व उत्तराखंड महासंघ के कार्यकर्ता अपने संसाधनों से इस सेवा में जुटे हुए हैं। कार्यकर्ता पिछले 15 दिनों से इस वाहन में सबकी रसोई संचालि कर रहे हैं। श्रीनगर व आसपास के क्षेञ में जरूरतमंदों के साथ ही कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर्स को काले रंग की स्कार्पियो का इंतजार रहता है। जहां 24 घंटे ड्यूटी कर रहे कोरोना फ्रंट लाइन वर्कर्स को खाना बनाना तो दूर खाने तक का समय नहीं मिल पाता है। ऐसे में जय हो छात्र संगठन व उत्तराखंड महासंघ के कार्यकर्ता इन वर्कर्स को कार्यस्थल पा जाकर भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। ये कार्यकर्ता हर दिन 20 से 25 कि.मी. के दायरे में घूम कर 400 से अधिक लोगोंको खाना खिला रहे हैं। जय हो छात्र संगठन के जिलाध्यक्ष आयुष मिया व बिडला परिसर छात्र संघ अध्यक्ष अंकित रावत ने बताया कि कोविड कर्फ्यू के दौरान होटल आदि बंद रहने से भोजन की उपलब्धता सबसे बड़ी चुनौती थी। हमने मरीजों के तीमारदारों के साथ ही कोविड ड्यूटी कर रहे पुलिस के जवानों, मेडिकल स्टाफ को भोजन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। इस कार्य में होटल व्यवसाई विपिन रावत ने हमें अपना रेस्टोरेंट उपलब्ध कराया। जहां हमने सबकी रसोई स्थापित की। आयुष व अंकित ने बताया कि हमारी टीम में करीब 6 लोग हैं। हम प्रति दिन 400 लोगों को खाना बांट रहे हैं। पुलिस कर्मियों व मेडिकल स्टाफ के लिए शाम की चाय भी वितरित करते हैं। करीब 15 दिनों से यह सिलसिला चल रहा है। हिन्दुस्थान समचार /राज

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