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जोशीमठ में तेज बरसात से नीती-माणा दर्रों का सड़क संपर्क कटा

-बदरीनाथ और मलारी हाईवे कई जगह क्षतिग्रस्त जोशीमठ, 19 जून (हि.स.)। क्षेत्र में हो रही बरसात से नीती-माणा दर्रों का सड़क संपर्क कट गया है। तीन दिन से बरसात का कहर सड़कों पर टूट रहा है। इस वजह से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बदरीनाथ और मलारी हाईवे कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। रैणी मे भूस्खलन और मकानों मे दरारें पड़ने से ग्रामीण भयभीत हैं। चमोली-जोशीमठ के साथ ही जोशीमठ-बदरीनाथ व जोशीमठ-मलारी मोटर मार्ग कई स्थानों पर अवरुद्ध है। बरसात की वजह से प्रशासन को सड़कें खोलने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। चमोली से जोशीमठ तक गुलाबकोटी, टंगणी आदि स्थानों पर भारी बोल्डर आने के कारण मार्ग अवरुद्ध है।जोशीमठ - बदरीनाथ मार्ग पर बलदौडा, लामबगड, रडांग, कंचनगंगा मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। बीआरओ के कर्मचारी और संबधित सड़क निर्माण कंपनियों की मशीनें मौके पर खड़ी हैं। पहाड़ी से लगातार मलबा व बोल्डर गिरने से काम शुरू नहीं हो पा रही है। जोशीमठ-मलारी मोटर मार्ग चिपको आंदोलन की धरती रैणी के साथ मलारी की ओर भी कई स्थानों पर अवरुद्ध है। रैणी मे 7 फरवरी से आफत के बादल मंडरा रहे है। 7 फरवरी को ऋषिगंगा के जलजले के बाद से रैणी गांव के मकानों, खेत-खलिहानो में लगातार दरारें पड़ रही हैं। ग्रामीणभूगर्भीय सर्वे की मांग कर ही रहे थे कि रैणी मे चिपको नेत्री गौरा देवी के संग्रहालय के समीप सड़क ध्वस्त हो गई। नई सड़क बनाने के लिए गौरा देवी की मूर्ति को तक हटाना पड़ा। रैणी वल्ली गांव के ग्रामीण भूस्खलन के कारण भयभीत हैं। 2013 में भी कुछ इसी तरह का मंजर था। लगातार बरसात के बाद केदारनाथ आपदा के साथ ही लांमबगड से गोविन्दघाट तक सब कुछ बर्बाद हो गया था। अलकननंदा, धौली गंगा, ऋषिगंगा, लक्ष्मण गंगा, कल्प गंगा समेत नालों और गदेरों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/प्रकाश कपरूवाण

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