औषधीय पादप महा कुंभ में ज्योति और स्वास्थ्य पर चर्चा
हरिद्वार, 09 फरवरी (हि.स.)। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में औषधीय पादप महाकुंभ में मंगलवार को ज्योति और स्वास्थ्य विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इसमें ज्योतिष विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. भगवानदास शास्त्री ने कहा कि पर्यावरण को हरा-भरा और प्रदुषण मुक्त बनाए रखने में वृक्षों का महत्वपूर्ण योगदान हैं। यह वृक्ष 100 पुत्रों से भी बढ़कर हैं। वह जीवनभर अपने पालक को समान व निःस्वार्थ भाव से लाभ पहुंचाता है। भविष्य पुराण के अनुसार संतानहीन मनुष्य द्वारा लगाया गया वृक्ष लौकिक व पारलौकिक कर्म करता है। ज्योतिषविद् यशकरण शर्मा ने कहा कि ज्योतिष में वृक्षों को देवताओं और ग्रहों के निमित उससे शुभ लाभ प्राप्त किए जाने का ग्रन्थों में उल्लेख है। पीपल के वृक्ष में सभी देवताओं, आंवला और तुलसी में विष्णु, बेल और बरगद में भगवान शिव और कमल में महालक्ष्मी की वास माना गया है। जामुन का वृक्ष धन दिलाता है तो पाकड़ ज्ञान और सुयोग्य पत्नी दिलाने में मदद करता है। बकुल कोर पापनाशक, तेंदू कुलवृद्धि, अनार विवाह कराने में और अशोक शोक मिटाने है। उन्होंने कहा कि श्रद्धा भाव से लगाया गया वृक्ष मनोकामनाओं की पूर्ति करता है। ज्योतिषविद् शालिनी मोदी और शिमला ने कहा कि फसल की कटाई, मढ़ाई, बुवाई, हल जोतने, बीजने, वृक्ष लगाने तथा अन्य कृषि कार्यो के लिए ज्योतिष में कृतिका, मृगशिरा, श्लेषा, मघा, उत्तराषाढ़, श्रवण घनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभावप्रद और रेवती नक्षत्रों को शुभ माना गया है। इसीलिए ज्योतिष में वृक्षों की महत्ता बहुत अधिक है। हर वृक्ष में ज्योतिष की अवधारणा छिपी है। वृक्ष हमें शुभ फल देने के साथ-साथ सकारात्मक ऊर्जा भी देते है। वास्तुविद भारत सैनी ने कहा कि वास्तुशास्त्र के अनुसार नैरित्य और आग्नेय कोण में उद्यान और बगीचा नहीं होना चाहिए। घर के अंदर बने बगीचे में नीलिमा और हरिद्रा के पौधे लगाने से धन और संतान की हानि होती है। घर के पास फलदार, कांटेदार और दूधदार पौधे नहीं लगाने चाहिए। औषधीय पादप महाकुंभ के निदेशक एवं भेषज विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. सत्येन्द्र राजपूत ने कहा कि ज्योतिष का सीधा प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है। बल्कि यह प्रभाव वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक रूप से मानव जीवन को प्रभावित भी करता है। मनुष्य प्रकृति के आंचल में रहकर अपने जीवन को स्वस्थ रख सकता है। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/मुकुंद-hindusthansamachar.in