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डॉ. इंदिरा हृदयेश के निधन से नैनीताल में शोक

नैनीताल, 13 जून (हि.स.)। कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री एवं नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश के असामयिक निधन से हर कोई स्तब्ध है। सभी लोग गमजदा हैं। स्थानीय भाजपा विधायक संजीव आर्य के ट्वीट से लोगों को डॉ. हृदयेश के निधन का समाचार मिला। संजीव ने डॉ. हृदयेश के निधन पर गहरा दुःख जताया है। कांग्रेस नगर अध्यक्ष अनुपम कबडवाल ने शोक संदेश में कहा कि डॉ. हृदयेश राजनीति एवं संसदीय प्रणाली की गहरी समझ रखने वाली एवं आमजन व कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा सुलभ रहने वाले नेत्री थीं। पूर्व दर्जा राज्यमंत्री रईश भाई ने उनके निधन को पूरे उत्तराखंड के लिए अपूर्णीय क्षति बताया। कुमाऊं विवि शिक्षक संघ-कूटा के अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी ने डॉ. हृदयेश को शिक्षा के क्षेत्र में किए काम को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी। उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल, समाजसेवी डॉ. सरस्वती खेतवाल, नैनीताल जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ज्योति प्रकाश, भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य गोपाल रावत व पूर्व सभासद कैलाश अधिकारी सहित अनेक अन्य लोगों ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। मां नयना देवी व्यापार मंडल ने डॉ. हृदयेश के असामयिक निधन पर शोक सभा आयोजित की। शोक सभा में संगठन के संस्थापक अध्यक्ष पुनीत टंडन, उपाध्यक्ष तरुण कांडपाल तथा रोमित, मयंक, तन्मय व देव आदि संस्थापक सदस्य शामिल रहे। डॉ. हृदयेश का संसदीय ज्ञान व कौशल उत्कृष्ट कोटि का था: जंतवाल: पूर्व विधायक एवं उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. नारायण सिंह जंतवाल ने शोक संदेश में कहा कि वह उत्तराखण्ड की राजनीति में सबसे अनुभवी, उत्तर प्रदेश में भी अपने संसदीय कौशल से सम्मान प्राप्त करने वाली नेत्री थीं। उनके निधन से उत्तराखंड के राजनीतिक-सामाजिक जीवन में जो सूनापन पैदा हो गया है, उसकी भरपाई बहुत मुश्किल होगी। वे ऐसी विरली राजनीतिक शख्सियत थी जो अतीत के मूल्यों को वर्तमान से जोड़कर मार्ग प्रशस्त करती रहीं। उत्तराखंड की पहली निर्वाचित विधानसभा में नारायण दत्त तिवारी की सरकार में वे सर्वाधिक महत्वपूर्ण मंत्री थीं। संसदीय कार्य मंत्री होने के नाते भी सरकार की ओर से अधिकांशतः मोर्चा वही सभालती थीं। उनका संसदीय ज्ञान व कौशल उत्कृष्ट कोटि का था। हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.नवीन जोशी

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