चिदानंद सरस्वती ने परमहंस योगानंद को याद किया

Chidananda Saraswati remembered Paramhansa Yogananda
Chidananda Saraswati remembered Paramhansa Yogananda

ऋषिकेश, 05 जनवरी (हि.स.)। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने परमहंस योगानंद की जयंती पर मंगलवार को उन्हें याद करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा कि बीसवीं सदी के आध्यात्मिक गुरु, योगी और संत योगानंद ने भारत की प्राचीन विधा योग को सर्वव्यापी करने में अनुपम योगदान दिया। बीसवीं सदी में उन्होंने पश्चिम की धरती पर योग की गंगा बहाई। सरस्वती ने कहा कि उन्होंने क्रिया योग के माध्यम से दुनिया को ईश्वर से साक्षात्कार का ज्ञान दिया। उनका प्रसिद्ध ग्रंथ ‘योगी कथामृत’ योग जिज्ञासुओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। परमहंस योगानंद ने 1920 में बोस्टन में लोगों को क्रिया योग सिखाया।उनका मानना था कि क्रिया योग के माध्यम से जीवन को संवार कर ईश्वर की ओर अग्रसर हुआ जा सकता है। चिदानंद सरस्वती ने कहा कि इस समय पूरा विश्व योग के माध्यम से स्वस्थ तन और मन की कल्पना साकार कर रहा है। इसका श्रेय महर्षि पतंजलि के साथ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। महर्षि पतंजलि ने योग के बिखरे सूत्रों को एकत्र कर योगसूत्र के रूप में अनुपम भेंट प्रदान की है। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी सच्चे अर्थों में योगदूत हैं। हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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