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बस संचालकों ने परमिट विभाग में किए सरेंडर

नई टिहरी, 29 मई (हि.स.)। टीजीएमओ से जुड़े एक दर्जन से अधिक बस संचालकों ने कोरोना काल में कारोबार ठप होने व सरकार की ओर से कोई मदद न होने से रोषित होकर वाहनों के कागज एआरटीओ कार्यालय में सरेंडर किये। बस संचालकों का कहना है यदि सरकार ने उनकी मदद नहीं की तो आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक एक माह पहले वह अपने वाहनों की आवाजाही ठप कर देंगे। कांग्रेस ने भी बस संचालकों की मांग का समर्थन किया है। शनिवार को बस अड्डा बौराड़ी में टीजीएमओ से जुड़े बस संचालक एकत्र हुये। उन्होंने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कहा कि सरकार न तो टैक्स माफ कर रही है, नहीं अन्य किसी स्तर पर बस संचालकों की कोई मदद कर रही है। इससे उनका कारोबार बुरी तरह से कोरोना काल में ठप हो रहा है। आधी सवारी पर वाहन चलाना बिना किराया बढ़ाये संभव नहीं है। महंगा डीजल व उस पर आधी सवारी से अब वाहनों को चलाना संभव नहीं हो पा रहा है। इसलिए वाहनों के कागज एआरटीओ कार्यालय में सरेंडर कर रहे हैं। जिले में 80 बसों का संचालन होता है। सभी 80 बसों के कागज जल्द ही सरेंडर कर दिये जायेंगे। परिवहन विभाग के आरआई विकास सिंह का कहना है कि अब तक छोटे-बड़े 14 वाहनों के कागज सरेंडर किये गये हैं। कांग्रेस के शहर अध्यक्ष देवेंद्र नौडियाल ने मौके पर पहुंचकर बस संचालकों की मांगों का समर्थन करते हुये कहा कि बस संचालकों को कोरोना काल में भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। लेकिन प्रदेश सरकार बस कारोबारियों को बात सुनने को राजी नहीं है। वाहनों के कागज सरेंडर करवाने वाले बस संचालकों में टीजीएमओ के संचालक रामचंद्र सुयाल, विजय सिंह नेगी, जयपाल सिंह नेगी, शूरवीर सिंह गुसांई, महाजन सिंह पंवार, परवीन तोपवाल, नीलकंठ सिंह रावत, दिनेश मखलोगा, धर्मपाल तोपवाल, संजय गुसांई, मायाराम, विजय सिंह, खलीद हसन आदि शामिल रहे। हिन्दुस्थान समाचार/प्रदीप डबराल

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