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781 कैदियों को पैरोल या जमानत पर छोड़ने की संस्तुति

नैनीताल, 18 मई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्गत आदेशों के क्रम में हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी, उत्तराखंड हाईकोर्ट /कार्यकारी अध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में सजायाफ्ता एवं सिद्वदोष कैदियों की रिहाई के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उच्चस्तरीय समिति की बैठक आहूत की गई। इसमें नितिश झा, सचिव गृह, उत्तराखंड शासन एवं एपी अंशुमान, महानिरीक्षक कारागार, उत्तराखंड एवं आरके खुल्बे, सदस्य सचिव, उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने प्रतिभाग किया। यह जानकारी देते सदस्य सचिव उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण आरके खुल्बे ने दी। उन्होंने बताया कि इस बैठक में कोरोनाकाल के दौरान जेलों में कैदियों की अधिक संख्या को देखते हुए 106 सिद्वदोष बंदियों एवं 685 सजायाफ्ता बंदियों को तीन माह के लिए पेरोल/अंतरिम जमानत देने की संस्तुति की गई। साथ ही कोरोना प्रोटोकाॅल एवं सरकार द्वारा समय समय पर निर्गत दिशा -निर्देशों का पालन करने के लिए भी कहा गया है। सदस्य सचिव की ओर से अवगत कराया गया कि उच्च स्तरीय समिति द्वारा यह आदेशित किया गया है कि जो कैदी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं उनकी पूरी देखभाल की जाए तथा उन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप छोड़ा जाए। समिति द्वारा यह भी निर्देश दिए गए कि जेलों में निरुद्ध कैदियों के स्वास्थ्य की परस्पर जांच की जाए तथा उनके टीकाकरण पर जोर दिया जाए। उच्च स्तरीय समिति द्वारा इन आदेशों का अनुपालन दो सप्ताह के भीतर कर अनुपालन आख्या यथाशीघ्र समिति को भेजे जाने के निर्देश दिए गए हैं।हिन्दुस्थान समाचार/ लता नेगी

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