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श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े में गठित हुई 24 सदस्यीय न्यायपालिका

-27 अप्रैल के शाही स्नान बाद संभालेंगे कार्यभार हरिद्वार, 25 अप्रैल (हि. स.)। सन्यासियों के सबसे बड़े अखाड़े श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ें में रविवार को चारों मढ़ियों से 24 सदस्यीय न्यायपालिका का गठन किया गया। सभी चारों मढ़ियों 4,16,13,14 के संतो का न्यायपालिका का गठन हुआ। श्रीमहंतों द्वारा न्यायपालिका की पुकार अखाड़े के इष्टदेव भगवान दत्तत्रेय के चरणपादुका पर की गयी। नयी कार्यकारिणी 27 अप्रैल के शाही स्नान के बाद अपना कार्यभार ग्रहण कर उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित खेड़ामढ़ी पहुंचेगी, जहां से भ्रमण के लिए निकल जाएगी। ये रमतापंच फिर तीन साल बाद भ्रमण उपरान्त प्रयागराज कुम्भ के दौरान एकत्र होंगे। अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि जी महरारज ने बताया कि रविवार को श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के कुम्भ मेला शिविर में स्थापित धर्मध्वजा के नीचे न्यायपालिका के चुनाव सम्पन्न हुए। अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज तथा संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज की अध्यक्षता में श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के रमतापंच के श्रीमहंत निरंजन भारती, अष्टकौशल महंत महन्त कमल भारती, पुजारी सच्चिदानंद सरस्वती, कोठारी नारायण भारती,कोरोबारी जलेश्वर भारती,कोतवाल केदार भारती,भण्डारी रणजीत भारती, 16मढ़ी के श्रीमहंत दूजगिरि, अष्टकौशल महन्त सत्यचेतन पुरी, कोरोबारी शिवपुरी,कोतवाल भीमपुरी, भण्डारी हरेराम पुरी, इसी तरह 14 मढ़ी में श्रीमहंत रामचन्द्र गिरि,अष्टकौशल महंत तीरथ गिरि,छोटा पुजारी अलख गिरि,कोठारी गंगा गिरि,व अखलेश गिरि ,कोरोबारी गोपाल गिरि, कोठारी पुरूषोत्तम गिरि, भण्डारी राघव गिरि के अलवा 13 मढ़ी में श्रीमहंत शातांनन्द गिरि, अष्टकौशल महन्त योगदानंद गिरि,कोरोबारी मोहनानन्द गिरि, कोतवाल राजेश्वर गिरि, भण्डारी लालगिरि का चुनाव किया गया। इस सम्बन्ध मे अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज, सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज,श्रीमहंत उमाशंकर भारती तथा पूर्व सभापाति श्रीमहंत सोहन गिरि की ओर से अष्टकौशल एवं रमता पंचों के लिए नाम भेजे गये। रविवार को श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े में कार्यकारिणी का गठन सभी चारों मढियों चार, सोलह, तेरह, चौदह से किया गया। इस दौरान चारों मढ़ियों के सचिव श्रीमहंत मोहन भारती, श्रीमहंत महेशपुरी, श्रीमहंत शैलेन्द्र गिरि तथा श्रीमहंत गणपत गिरि सहित कई श्रीमहंत, महंत एवं अखाड़े के संतगण मौजूद रहे। हिन्दुस्थानसमाचार/रजनीकांत शुक्ल

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