स्ट्राईड परियोजना का तृतीय चरण में बीयू के 35 शोद्यार्थी ले रहे प्रशिक्षण
स्ट्राईड परियोजना का तृतीय चरण में बीयू के 35 शोद्यार्थी ले रहे प्रशिक्षण

स्ट्राईड परियोजना का तृतीय चरण में बीयू के 35 शोद्यार्थी ले रहे प्रशिक्षण

- दूसरे बैच के लिए इच्छुक अभ्यर्थी कर सकते हैं 15 दिसम्बर तक आवेदन झांसी,08 नवम्बर (हि.स.)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के स्ट्राइड (स्कीम फॉर ट्रांसडिसिप्लिनरी रिसर्च फॉर इंडिआस डेवलपिंग इकॉनमी) कॉम्पोनेन्ट एक के अंतर्गत बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को प्राप्त परियोजना के प्रथम बैच के तृतीय चरण का शुभारम्भ हो गया है। विश्वविद्यालय के 12 से अधिक विभिन्न विभागों के पैतीस विद्यार्थियों को चार चरणों में उच्च गुणवत्तापूर्ण शोधकार्यों के निमित्त प्रशिक्षित किया जा रहा है। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में स्ट्राईड परियोजना के उप समन्वयक डॉ.लवकुश द्विवेदी ने बताया कि परियोजना के प्रथम एवं द्वितीय चरण में विस्तृत शोध प्रविधि तथा शोध उपकरणों के व्यवहारिक अनुप्रयोग के बारे में प्रशिक्षित किया जा चुका है। इसके बाद तृतीय चरण में प्रत्येक प्रतिभागी से अपने-अपने विषय में सामाजिक सरोकार के विभिन्न मुद्दों पर शोध किये जाने के लिए छह-छह महीनों की छोटी-छोटी परियोजनाएं दी जायेंगी उन्होंने बताया कि इन लघु परियोजनाओं में छात्रों को अपने-अपने शोध निदेशक के देखरेख में कार्य करना था, जिनका कि विषयवार फाइनल परीक्षण इन दिनों कराया जा रहा है। डॉ.द्विवेदी ने बताया कि उक्त लघु परियोजनाओं को सम्पन्न करने के लिए आवश्यक रसायनों, उपकरण उपयोग आदि में आने वाले खर्चों को पूर्ण करने के लिए स्ट्राइड प्रोजेक्ट से प्रति प्रतिभागी नौ हजार रुपये तक की सहायता राशि भी दी गयी। इसके उपरांत चौथे चरण में एक दिवसीय कांफ्रेंस कराकर प्रतिभागियों द्वारा अपनी-अपनी परियोजना उससे सम्बन्धित कार्यों तथा प्राप्त परिणामों को विशेषज्ञों की समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया जायेगा। प्रस्तुत परिणामों को शोधपत्र के रूप में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रमाणित शोध जर्नल में प्रकाशित किये जाने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के माध्यम से छात्रों को स्नातक व परास्नातक स्तर पर ही सक्षम बनाकर एक गुणवत्तापूर्ण शोध किये जाने के लिए प्रेरित किये जाने की योजना है। इससे छात्रों को उच्च शिक्षा के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शोधकार्य के लिए प्रेरित किया जा सके। डॉ.द्विवेदी के अनुसार विश्वविद्यालय द्वारा स्ट्राइड परियोजना के तहत विद्यार्थियों को आर्थिक सहायता तथा इनोवेशन सेंटर में प्रशिक्षण देकर शोध कराये जा रहे हैं जिससे कि विश्वविद्यालय में उच्च स्तर के शोध के लिए माहौल और अधिक विकसित हो सके तथा छात्र परास्नातक स्तर पर अपने लघु शोध प्रबंधनों के लिए बाहरी संस्थानों में अनावश्यक पैसा खर्च न कर, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग कर गुणवत्तापूर्ण शोधकार्य कर विश्वविद्यालय का नाम ऊंचा करें। इनोवेशन सेंटर की ओर से मानव संसाधन एवं कौशल विकास के उद्देश्य से जमा किये गए। इस परियोजना में तीन वर्षोंं में लगभग दो सौ शिक्षकों, विद्यार्थियों, तथा अन्य शोधार्थियों को चार चरणों में प्रशिक्षण के माध्यम से, उत्तम शोध कार्य के लिए सक्षम बनाए जाने कि योजना है। परियोजना से जुड़ने के लिए इच्छुक अभ्यर्थी द्वितीय बैच में प्रतिभाग करने के लिए 15 दिसम्बर तक विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/महेश-hindusthansamachar.in

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