सारनाथ में सांस्कृतिक पर्यटन की असीम सम्भावनाएं, बढ़ेंगी सुविधाएं : डाॅ. नीलकण्ठ
सारनाथ में सांस्कृतिक पर्यटन की असीम सम्भावनाएं, बढ़ेंगी सुविधाएं : डाॅ. नीलकण्ठ

सारनाथ में सांस्कृतिक पर्यटन की असीम सम्भावनाएं, बढ़ेंगी सुविधाएं : डाॅ. नीलकण्ठ

-प्रस्तावित योजनाओं को लेकर पर्यटन मंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों संग की बैठक लखनऊ, 20 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री डाॅ. नीलकण्ठ तिवारी गुरुवार को यहां कहा कि सारनाथ में सांस्कृतिक पर्यटन की असीम सम्भावनाएं हैं। ऐसे में वहां के अवस्थापना सुविधाओं का उच्चीकरण एवं सौन्दीर्यकरण किया जाएगा। इससे राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय पर्यटकों को वहां की गौरवशाली संस्कृति, इतिहास और शिल्प-कला से परिचित कराया जा सकता है तथा उन्हें अधिकाधिक संख्या में प्रदेश के भ्रमण हेतु आने के लिए प्रेरित भी किया जा सकता है। पर्यटन मंत्री आज राजधानी लखनऊ स्थित पर्यटन निदेशालय के सभाकक्ष में सारनाथ के लिए विभाग द्वारा प्रस्तावित योजनाओं से संबंधित एक महत्वपूर्ण बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में जितेन्द्र कुमार, प्रमुख सचिव पर्यटन, एनजी रवि कुमार, महानिदेशक एवं सचिव, पर्यटन, शिवपाल सिंह, विशेष सचिव तथा अनूप श्रीवास्तव, उप निदेशक समेत कई अधिकारी उपस्थित थे। इस दौरान मंत्री ने कहा कि महात्मा बुद्ध के जीवनकाल से जुड़े महत्वपूर्ण घटना के साक्षी होने के कारण सारनाथ विदेशी तथा स्वदेशी पर्यटकों के मध्य आकर्षण का केन्द्र है। वर्ष 2019 में वहां स्वदेशी पर्यटकों की संख्या 6447775 तथा विदेशी पर्यटकों की संख्या 350000 थी। उन्होंने बताया कि गतवर्ष वाराणसी स्वदेशी पर्यटकों के आगमन के दृष्टि से उत्तर प्रदेश में छठें स्थान पर रहा तथा विदेशी पर्यटकों के आगमन के दृष्टि से प्रदेश में तीसरे स्थान पर रहा। डाॅ. नीलकण्ठ तिवारी ने कहा कि भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ी अधिकांश महत्वपूर्ण घटनाएं उत्तर प्रदेश की धरा पर ही सम्पन्न हुईं। ज्ञान की प्राप्ति के उपरान्त भगवान बुद्ध ने अपने प्रथम ऐतिहासिक उद्बोधन के लिए सारनाथ को स्वयं चुना था। इस कारण सारनाथ बौद्ध परिपथ का एक अभिन्न अंग है तथा इसकी महत्वपूर्ण भूमिका प्रदेश में बौद्ध धर्म को प्रचारित-प्रसारित किए जाने हेतु स्वतः स्पष्ट होती है। उन्होंने बताया कि प्रासाद स्कीम तथा विश्व बैंक परियोजना के अन्तर्गत जनपद-वाराणसी में नवीन योजनाएं प्रस्तावित की जा रही हैं, जिससे लाखों लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इससे देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को स्तरीय पर्यटक सुविधायें प्राप्त हो सकंेगी और उनका पर्यटन-अनुभव बेहतर हो सकेगा। बैठक में सारनाथ के ऐतिहासिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे पर्यटन क्षेत्र के लिए अत्यन्त आवश्यक पर्यटन स्थल के रूप में रेखाकिंत किया गया। इस बात की भी चर्चा हुई कि सारनाथ में अनेक स्मारक यथा-धामेक स्तूप, सारनाथ म्यूजियम, चैखण्डी स्तूप तथा अन्य बौद्ध विहार यथा-मूलगंध कुटी विहार, वट थाई मन्दिर, जैपनीज विहार, कोरियन विहार, विश्व शान्ति स्तूप तथा पर्यटन स्थल यथा-बुद्धा थीम पार्क, बुद्धा थीम पार्क आडिटोरियम, पर्यटक आवास गृह, पर्यटन सूचना केन्द्र आदि अवस्थित हैं। पर्यटकों की दृष्टि से वहां के सभी महत्वपूर्ण मार्गों, प्राॅमिनाड, फुटपाथ, अन्डरग्राउण्ड विद्युत केबलिंग, पार्किंग, गोल्फकार्ट एवं अन्य मूलभूत पर्यटक सुविधाओं तथा उनके सौन्दर्यीकरण एवं उच्चीकरण किए जाने हेतु विचार-विमर्श किया गया। इसके अलावा वहां की पर्यटन सम्भावनाओं के प्रभावी प्रचार-प्रसार के लिए विशेष रूप से कार्य करने का निर्णय लिया गया है। दरअसल उप्र की योगी सरकार पर्यटन को एक जनउपयोगी उद्योग के रूप में विकसित और प्रचारित-प्रसारित कराने हेतु शीर्ष प्राथमिकता प्रदान कर रही है, ताकि देश-प्रदेश में प्रभावी पर्यटन संस्कृति विकसित हो सके और विकास-रोजगारपरक व पर्यावरण संरक्षित वातावरण का सृजन हो सके और उससे अधिकाधिक लोग लाभन्वित हो सकें। हिन्दुस्थान समाचार/ पीएन द्विवेदी-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in