सारनाथ के जिस हिस्से में धरती में हुआ कंपन,अफसरों ने किया निरीक्षण
सारनाथ के जिस हिस्से में धरती में हुआ कंपन,अफसरों ने किया निरीक्षण

सारनाथ के जिस हिस्से में धरती में हुआ कंपन,अफसरों ने किया निरीक्षण

- जमीन के अंदर कंपन की घटना चर्चा का विषय बनी वाराणसी,15 दिसम्बर (हि.स.)। भगवान बुद्ध की ऐतिहासिक प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ के कुछ हिस्सों में जमीन के अंदर कंपन की घटना मंगलवार को पूरे दिन सोशल मीडिया में सुर्खियों में रही। क्षेत्रीय लोग भी भूकंप की संभावना जता तरह-तरह की चर्चा करते रहे। सारनाथ स्थित जापानी बौद्ध मंदिर के मोड़ से लेकर लगभग 50 मीटर के क्षेत्र में धरती डोलने की जानकारी पर जिला प्रशासन ने भी इसे गंभीरता से लिया। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देश पर अफसरों की टीम एसडीएम सदर अमृता सिंह के नेतृत्व में अपरान्ह में मौके पर पहुंची। टीम ने इलाके के साथ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद अफसरों की टीम ने क्षेत्रीय लोगों से बातचीत भी की। कंपन क्यों हुआ इसकी जानकारी अभी सामने नही आई है। बताते चले, सारनाथ जापानी बौद्ध मंदिर के समीप बीते सोमवार को सुबह से लेकर देर रात तक कई बार लोगों ने कंपन महसूस किया। धरती के कंपन से लोगों ने समझा कि भूकंप आ गया है। क्षेत्रीय लोगों के अनुसार इस दौरान गाड़ियां, बेंच,दरवाजे और कुर्सियों में तेजी से कंपन हुआ। लोगों ने आशंका जताई कि इस क्षेत्र से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की पाइप गुजरती है, जिसमें लीकेज से यह घटना हो सकती है। भूमिगत पेयजल पाइप के आस पास के पत्थर और मिट्टी काफी दूरी तक सरकने की भी संभावना जताई गई। मौसम विशेषज्ञों ने कहा कि कंपन भूकंप नहीं है। सोशल मीडिया में चर्चा रही कि कुछ समय पहले बेंगलुरु के एक गांव में भी धरती के छोटे से हिस्से में कंपन हुआ था,बाद में पता चला कि गैस से धरती में वहां कंपन हुआ। माना जा रहा है कि कभी कभी जमीन के नीचे पाइप या मानवीय गतिविधि भी स्थानीय स्तर पर कंपन की वजह बन जाती है। ये भी संभव है इस क्षेत्र में धरती के नीचे गैस बन रही हो और उसे निकलने का स्थान न मिल रहा हो। एक संभावना यह भी जताई गई कि कंपन वाले क्षेत्र में कोई पुरातात्विक अवशेष भी हो सकता है। हालाकि जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/मोहित-hindusthansamachar.in

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