संजीत की बहन ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मांगी मदद, पुलिस पर लगाया धमकाने का आरोप
- सपा अध्यक्ष ने कोविड-19 कम होते ही घर आने की कही बात कानपुर, 26 अगस्त (हि.स.)। बर्रा के पैथालॉजी कर्मी रहे संजीत यादव के अपहरण व हत्याकांड की घटना से पुलिस की बराबर किरकिरी हो रही है। पुलिस ने अब तक हत्याकांड से जुड़े ठोस सबूत नहीं एकत्र कर सकी। इसको लेकर परिजन बराबर विरोध कर रहे हैं और मंगलवार को पुलिस ने धरना दे रहे परिजनों को जबरदस्ती उठा लिया था। पीड़ित परिवार के साथ पुलिस के इस व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। ऐसे में बुधवार को सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यकर्ता सम्राट विकास यादव के फोन से संजीत की बहन से बात की। संजीत की बहन रुचि ने अखिलेश यादव से मदद की गुहार लगायी और पुलिस पर आरोप लगाया कि जो हमारे साथ लोग आ रहे हैं उन पर फर्जी मुकदमें में जेल भेजने की धमकी दी जा रही है। पैथालॉजी कर्मी संजीत यादव अपहरण-हत्याकांड में राजनीतिक दलों ने प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा करने के साथ स्वजनों से मिलकर ढांढस बंधा रहे हैं। कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी बीते दिनों परिजनों से बातकर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया था और कार्यकर्ताओं को भी निर्देश दिया था कि पीड़ित परिवार को मदद करें। इसके बाद बुधवार को सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संजीत की बहन से फोन पर बात की। यह बात सपा नेता सम्राट विकास यादव के फोन से हुई। सम्राट विकास यादव ने अपने मोबाइल फोन से सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की वाट्सएप कॉलिंग से संजीत की बहन रुचि से बात कराई। रुचि ने रोते हुए अखिलेश से कहा- भइया हमारे साथ पुलिस बहुत गलत कर रही है। जो हमारा साथ दे रहा, उसे भी पुलिस परेशान कर रही ताकि वह हमारा साथ ना दे पाये। रुचि ने कहा कि पुलिस लोगों को फर्जी मुकदमा लिखकर जेल भेजने की धमकी दे रही है। इसके बाद रुचि ने शास्त्री चौक पर धरने के दौरान पुलिस द्वारा की गई बर्बरता के बारे में बताया। इस पर अखिलेश ने कहा कि हमने आपके साथ हुई घटना का वीडियो देखा है। एक युवती के साथ इस तरह का बर्ताव बिल्कुल ठीक नहीं, पुलिस बिल्कुल निरंकुश हो चुकी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि कोविड का प्रभाव कम होते ही वह उनसे मिलने आएंगे। कहा, वह व्यक्तिगत तौर पर उनके साथ खड़े हुए हैं और आखिरी दम तक उनकी लड़ाई लड़ेंगे। बहन रुचि ने कहा कि घटना 22 जून को हुई थी और अब तक पुलिस की कार्यशैली पूरी तरह से लापरवाही भरी रही। घटना के बाद से दो बार धरना दिया गया और एक बार मुख्यमंत्री से मिलने के पैदल निकल पड़े, पर पुलिस न तो मुख्यमंत्री से मिलने देती और न ही सही से कार्यवाही करती है। बताया कि अधिकारियों ने सीबीआई से जांच कराने का आश्वासन दिया पर अभी तक कुछ भी नहीं हुआ। सपा ने की थी पांच लाख रुपये की मदद संजीत के परिजन बराबर न्याय की गुहार अधिकारियों से लगा रहे हैं और फिरौती में दी गयी रकम के साथ एक करोड़ रुपये की सहायता राशि की मांग कर रहे हैं। परिजनों की मांग पर अधिकारियों द्वारा सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है। वहीं सपा अध्यक्ष ने पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद की थी। इसके साथ ही इस हत्याकांड में फिरौती की रकम के देने के बाद से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार मामले पर नजर बनाये हुए हैं। स्थानीय सपा कार्यकर्ताओं से लगातार संपर्क में रहकर पुलिस कार्रवाई की जानकारी ले रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित-hindusthansamachar.in