संजीत अपहरण व हत्याकांड : मुख्यमंत्री से न मिलाने का अधिकारियों पर आरोप लगा धरने पर बैठे परिजन
संजीत अपहरण व हत्याकांड : मुख्यमंत्री से न मिलाने का अधिकारियों पर आरोप लगा धरने पर बैठे परिजन

संजीत अपहरण व हत्याकांड : मुख्यमंत्री से न मिलाने का अधिकारियों पर आरोप लगा धरने पर बैठे परिजन

- पुलिस ने जबरन धरना स्थल से परिजनों को हटाया, हुई धक्का मुक्की - पुलिस की ज्यादती का आरोप लगा संजीत की मां ने आत्महत्या का किया प्रयास कानपुर, 25 अगस्त (हि.स.)। संजीत अपहरण व हत्याकांड का पुलिस ने भले ही खुलासा कर दिया हो, पर अभी तक न तो संजीत का शव मिला और न ही पुलिस को कोई ठोस सबूत मिले। पुलिस की कार्यशैली से दुखी होकर परिजन मंगलवार को दूसरी बार शास्त्री चौक पर पुलिस को चकमा देकर धरने पर बैठ गये। परिजनों का आरोप है कि अधिकारी मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दे रहे हैं और खुलासा भी ठीक ढंग से नहीं कर रहे हैं। परिजनों के धरने पर बैठने की खबर जैसे ही पुलिस को लगी तो पुलिस ने जबरन परिजनों को धरने से हटाकर घर भेज दिया। तो वहीं जब पुलिस ने धरने से परिजनों को जबरन हटाने की जानकारी संजीत की मां को हुई तो उसने आत्महत्या करने का प्रयास किया, पर पड़ोसियों के चलते कि किसी प्रकार की अनहोनी नहीं हो सकी। बर्रा 6 के ईडब्ल्यू एस कालोनी में रहने वाले चमन यादव का बेटा संजीत यादव पैथालॉजी कर्मी था और 22 जून को वह लापता हो गया था। इसके बाद अहरणकर्ताओं ने 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी। परिजनों के मुताबिक पुलिस के सामने ही 30 लाख रुपयों से भरा बैग अपहरणकर्ताओं को दिया गया। मामला जब मीडिया में तूल पकड़ा तो शासन ने आईपीएस अपर्णा गुप्ता सहित 11 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया। इसके बाद पुलिस ने घटना के एक माह बाद खुलासा करते हुए पांच हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हत्यारोपियों को रिमांड पर लेकर शव पाण्डु नदी में खोजा गया पर नहीं मिल सका और न ही पुलिस को एक भी ठोस सबूत मिले। पुलिस की कार्यशैली से नाराज परिजन दो अगस्त को शास्त्री चौक पर धरना दिये तो पुलिस के आलाधिकारियों ने आश्वासन दिया कि मामले की जांच सीबीआई से करायी जाएगी। समय बीतता गया पर सीबीआई जांच की एक भी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी तो परिजनों ने 14 अगस्त को पैदल ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाने के लिए लखनऊ के लिए पड़े। पुलिस ने फिर आश्वासन दिया कि 15 अगस्त के बाद मुख्यमंत्री से मिलाया जाएगा। आश्वासन के 10 दिन बाद भी अधिकारियों की ओर से कोई प्रयास न होता देख मंगलवार को संजीत के पिता और बहन ने पुलिस को चकमा देकर घर से निकल पड़े और शास्त्री चौक पर धरना दे दिये। धरने की जानकारी होते ही सक्रिय पुलिस ने जबरन परिजनों को धरना स्थल से हटाकर घर भेज दिया। इस दौरान पुलिस ने परिजनों की नोकझोक भी हुई। वहीं पुलिस की ज्यादती से आजिज आकर संजीत की मां कुसुम घर के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया, जिस पर पड़ोसियों की तत्परता से उसकी जान बच गयी। सीबीआई जांच की मांग कर रहा परिवार संजीत के परिजनों को जनपद की पुलिस पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है और वह बराबर सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही अपहरण में दी गयी रकम व एक करोड़ रुपये की सहायता तथा बेटी को सरकारी नौकरी की मांग है। संजीत की मां कुसुम का कहना है कि वर्दी आम लोगों की सुरक्षा के लिए पहनी जाती है, लेकिन यहां तो पीड़ित परिवार को ही सताया जा रहा है। बेटे को तो पुलिस तलाश नहीं पा रही हम लोगों पर जोर आजमा रही है। कुसुम का कहना है कि जब तक बेटे को इंसाफ नहीं मिलता लड़ाई जारी रहेगी। कुसुम ने महिला पुलिसकर्मियों पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। कुसुम का कहना है कि प्रशासन ने अबतक सिर्फ कोरा आश्वासन ही दिया है। दो अगस्त से अब तक न तो सीबीआई जांच शुरू हो सकी और न तो 14 अगस्त से अब तक प्रशासनिक अधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कराई। कुसुम का कहना है पुलिस ने दोनों के मोबाइल भी छीन लिए हैं। थाना प्रभारी बर्रा हरमीत सिंह का कहना है कि स्वजन सड़क जाम करने का प्रयास कर रहे थे, रोकने के लिए थाने लाया गया है। मुख्यमंत्री से परिजन लगाना चाहते हैं न्याय की गुहार संजीत के परिजनों का कहना है कि हम लोग मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाना चाहते हैं, पर अधिकारी नहीं चाहते कि हम लोग मुख्यमंत्री से मिले। संजीत के स्वजन का आरोप है, अफसर परिवार को सिर्फ कोरा आश्वासन देकर गुमराह कर रहे हैं। बहन रुचि का कहना है कि 14 अगस्त को वे लोग घर से पैदल मुख्यमंत्री आवास जाने के लिए लखनऊ निकले। अफसरों के इशारे पर कई थानों की पुलिस बुलाकर ट्रक और टेंपो लगाकर परिवार को नौबस्ता हाईवे पर रोका गया था। बताया कि 15 अगस्त की शाम एसीएम प्रथम आरपी सिंह घर आए थे। तब मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए स्वजन ने पांच लोगों के प्रतिनिधि मंडल के नाम उन्हें सौंपे थे। बाद में जिलाधिकारी ने सिर्फ दो-तीन लोगों की ही मुलाकात कराने की बात कही थी। इस पर भी स्वजन ने सहमति जताई थी, मगर आज तक मुलाकात नहीं कराई गई। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित-hindusthansamachar.in

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