राम वन गमन मार्ग के बनने से अतीत की स्मृतियां होंगी ताजा, बढ़ेंगी पर्यटकों की संख्या
राम वन गमन मार्ग के बनने से अतीत की स्मृतियां होंगी ताजा, बढ़ेंगी पर्यटकों की संख्या

राम वन गमन मार्ग के बनने से अतीत की स्मृतियां होंगी ताजा, बढ़ेंगी पर्यटकों की संख्या

-आगामी प्रयाग महाकुम्भ के दृष्टिगत भी महत्वपूर्ण होगा राम वन गमन मार्ग: केशव मौर्य -उप मुख्यमंत्री ने वेबिनार के जरिए परियोजना का प्रस्तुतिकरण देखा लखनऊ, 08 सितम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को यहां कहा कि सरकार की अति महत्वाकांक्षी परियोजना ‘‘राम वन गमन मार्ग’’ के पूर्ण होने से चित्रकूट और अयोध्या में पर्यटकों की बेशुमार वृद्धि होगी। साथ ही यह परियोजना आगामी प्रयाग महाकुम्भ के आयोजन में भी आवागमन के दृष्टिकोण से अत्यन्त उपयोगी और महत्वपूर्ण साबित होगी। उप मुख्यमंत्री श्री मौर्य आज एनएचएआई एवं सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा आयोजित एक वेबिनार के जरिए राम वन गमन मार्ग परियोजना के प्रजेन्टेशन के दौरान अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। श्री मौर्य ने संबन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रयागराज में वर्ष 2025 में होने वाले महाकुम्भ के पहले इस परियोजना को हर हाल में पूरा किया जाय। उन्होंने प्रयागराज में चार लेन इनर रिंग रोड को भी महाकुम्भ से पूर्व पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ में 50 करोड़ लोगों के आने की सम्भावना है, इस दृष्टिकोण से राम वन गमन मार्ग, प्रयागराज चार लेन इनर रिंग रोड, फाफामऊ में गंगा नदी पर निर्मित सेतु के समानान्तर नये छह लेन सेतु, चकेरी-प्रयागराज के छह लेन चैड़ीकरण एवं हण्डिया राजातालाब सेक्शन के छह लेन चैड़ीकरण कार्य पर विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश दिये। राम वन गमन मार्ग पर वेबिनार के जरिये किये गये प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि इसका निर्माण दो पैकेजों में प्रस्तावित किया गया है। प्रथम पैकेज की लम्बाई 54.50 किमी तथा द्वितीय पैकेज की लम्बाई 46.80 किमी आंकलित की गयी है। प्रथम पैकेज के अन्तर्गत श्रृृंगवेरपुर धाम के निकट गंगा नदी पर एक किमी लम्बा दीर्घ सेतु एवं राजापुर के निकट महेवा घाट पर यमुना नदी पर लगभग 600 मी लम्बाई का दीर्घ सेतु बनाया जायेगा। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि राम वन गमन मार्ग परियोजना की कुल लम्बाई 102 किमी होगी। इसमें दो दीर्घ सेतु, दो आरओबी और दो फ्लाई ओवर निर्मित किये जाने प्रस्तावित हैं। परियोजना की 102 किमी लम्बाई में से लगभग 60 किमी लम्बाई हरित क्षेत्र से होकर जायेगी। उन्होंने बताया कि परियोजना हेतु सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 452 करोड़ रुपये का वित्तीय अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है। प्रयागराज में प्रस्तावित चार लेन इनर रिंग रोड के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि प्रस्तावित इनर रिंग रोड की कुल लम्बाई 98 किमी है, जिसमें से 68 किमी ग्रीन फील्ड में तथा 30 किमी की लम्बाई प्रयागराज के वर्तमान बाईपास की है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 6879 करोड़ रुपये है। इस इनर रिंग रोड के निर्माण हेतु एनएचएआई द्वारा भूमि अधिग्रहरण की कार्यवाही का प्रकाशन जनवरी 2020 में ही किया जा चुका है। परियोजना प्रारम्भ करने की आवश्यक कार्यवाही एनएचएआई मुख्यालय स्तर पर की जा रही है। उप मुख्यमंत्री ने इसका कार्य शीघ्र प्रारम्भ कराने के निर्देश एनएचएआई के अधिकारियों को दिये। प्रयागराज में फाफामऊ स्थित गंगा नदी पर निर्मित सेतु के समानान्तर नये छह लेन सेतु के निर्माण के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण के दौरान उप मुख्यमंत्री ने अधिशासी अभियन्ता को निर्देश दिये कि सेतु कार्य की निविदा की स्वीकृति शीघ्र निर्गत की जाय। उन्होंने कहा इसके निर्माण में यदि कहीं कोई दिक्कत आ रही हो तो उसे अवगत कराते हुये उसका निराकरण सुनिश्चित कर लिया जाय। इस परियोजना की लागत लगभग दो हजार करोड़ रुपये आंकलित की गयी है। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि लोक निर्माण विभाग, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारी शासन व प्रशासन के अधिकारियों से समन्वय कर सभी आवश्यक कार्यवाही पूर्ण कर लें। श्री मौर्य ने इस दौरान चकेरी-प्रयागराज के छह लेन मार्ग के चैड़ीकरण एवं हण्डिया राजातालाब सेक्शन के छह लेन चैड़ीकरण कार्यों के प्रगति की समीक्षा भी की और अधिकारियों को निर्देश दिये कि इन कार्यों को त्वरित गति से कराते हुये शीघ्र पूरा किये जाएं। उप मुख्यमंत्री ने सभी परियोजनाओं में सड़क सुरक्षा के मानकों पर विशेष रूप से ध्यान दिये जाने के निर्देश दिये। हिन्दुस्थान समाचार/ पीएन द्विवेदी-hindusthansamachar.in

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