रचनात्मकता से बुद्धि में तीक्षणता आती है : निदेशक
रचनात्मकता से बुद्धि में तीक्षणता आती है : निदेशक

रचनात्मकता से बुद्धि में तीक्षणता आती है : निदेशक

ट्रिपल आईटी में पांच दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला शुरू प्रयागराज, 21 सितम्बर (हि.स.)। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रयागराज के प्रबंधन विभाग द्वारा “समस्या का रचनात्मक समाधान और विवेचनात्मक चिंतन” विषय पर सोमवार से शुरू हुए पांच दिवसीय संकाय विकास आनलाइन कार्यशाला का उद्घाटन संस्थान के निदेशक प्रो. पी.नागभूषण ने करते हुए कहा कि रचनात्मकता से बुद्धि में तीक्षणता आती है। प्रतिभागियों को नवाचार और प्रबंध नवाचार की चुनौतियों, संभावनाओं, मुद्दों, अवसरों, व्यावहारिक पहलुओं पर गहन अध्ययन करना है। कार्यक्रम समन्यक डॉ. विजयश्री तिवारी ने कार्यशाला की रुपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि उद्योग क्षेत्र में रुचि रखने वाले उद्यमियों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं के लिए यह कार्यशाला एक सुनहरा अवसर है। आज के युग में उद्योग जगत में शिक्षाविद बहुत सारे शोध कार्य कर रहे हैं। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. माधवेन्द्र मिश्र ने बताया कि विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करने एवं समाधान हेतु विभिन्न नवीन विचारों की आवश्यकता होती है। समस्या एवं परिवर्तनशील कारकों की बदलती प्रकृति और बहुआयामी विशेषता के आधार पर विभिन्न सुविधाओं हेतु तमाम उपाय करने वाले पेशेवर एवं शोधकर्ताओं की आवश्यकता होती है। यही संसाधन की उपलब्धता और विभिन्न परिस्थितियों में उनकी मौजूदगी से समस्याओं के समाधान में एक नया आयाम जोड़ती है। संस्थान के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. पंकज मिश्र ने बताया कि कार्यशाला में प्रमुख वक्ताओं में प्रो. प्रमोद पाठक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएमएम) धनबाद, प्रो. वाई सिन्हा इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रो. उमाशंकर तिवारी, मनु शर्मा पार्टनर विप्रो डिजिटल कन्स्टेन्सी यूके, अभिनव जौहरी निदेशक एवं प्रैक्टिस प्रमुख डिजिटल ट्रांन्सफारमेशन बंगलौर, प्रशांत मिश्र वीपी डिजिटल ट्रांसफारमेशन गुडगांव रहे। प्रो. शेखर वर्मा अधिष्ठाता (आईपी एण्ड आरएम), प्रो. टी लाहिड़ी, अधिष्ठाता (शोध एवं विकास), प्रो. अनुपम अग्रवाल, अधिष्ठाता (टीपीए), प्रो. शीर्षू वर्मा, कुलसचिव ने अपने विचार रखे। डॉ. माधवेन्द्र मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापित किया। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/संजय-hindusthansamachar.in

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