माघ मेला: कल्पवासियों को आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट दिखाने के बाद ही मिलेगा प्रवेश
माघ मेला: कल्पवासियों को आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट दिखाने के बाद ही मिलेगा प्रवेश

माघ मेला: कल्पवासियों को आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट दिखाने के बाद ही मिलेगा प्रवेश

-कल्पवासियों-संतों के लिए उच्च स्तर की सभी सुविधाएं कराएं उपलब्ध: योगी आदित्यनाथ लखनऊ, 10 नवम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को यहां अपने सरकारी आवास पर जनपद प्रयागराज में आयोजित होने वाले माघ मेले 2020-21 की सभी तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं विशेषकर कल्पवासियों एवं संतों के लिए उच्च स्तर की व्यवस्था करते हुए सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं। साथ ही, उनकी सुरक्षा के सभी प्रबन्ध किए जाएं। उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में सुविधाएं मुहैया कराए जाने तथा सुरक्षा के सम्बन्ध में कोई समझौता न किया जाए। माघ मेले में आने वाले कल्पवासियों के लिए स्वच्छता, सैनेटाइजेशन का पूर्ण प्रबन्ध सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए माघ मेले में आने वाले कल्पवासियों के लिए मेला क्षेत्र में प्रवेश से पहले कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए आरटीपीसीआर पद्धति से कोविड टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट को अनिवार्य किया जाए। कल्पवास पर आने वाले श्रद्धालु यह टेस्ट मेला क्षेत्र में आने से तीन दिन पहले करवा लें, ताकि उन्हें रिपोर्ट मिल जाए और वे इसके नेगेटिव होने के आधार पर वे प्रवेश पा सकें। साथ ही, मेला क्षेत्र में रहने वाले कल्पवासियों का उनके प्रवास के दौरान कम से कम दो बार रैपिड एंटीजन टेस्ट भी करवाया जाए। जो कल्पवासी को-माॅर्बिडिटी से ग्रस्त हों, वे अपने स्वास्थ्य के मद्देनजर कल्पवास के सम्बन्ध में स्वयं निर्णय लें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा के प्रति अत्यन्त संवेदनशील है। समीक्षा बैठक के दौरान कोविड-19 महामारी की व्यापकता के दृष्टिगत माघ मेले के आकार पर भी विचार किया गया। माघ मेले के दौरान पौष पूर्णिमा, मकर संक्रान्ति, मौनी अमावस्या, बसन्त पंचमी, माघ पूर्णिमा एवं महाशिवरात्रि आदि के विशेष स्नान पर्वाें पर किये जाने वाले प्रबन्धों के सम्बन्ध में भी विचार-विमर्श किया गया। माघ मेले के शिविरों के निर्धारण, सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करने हेतु उठाए जाने वाले कदमों, कल्पवासियों की संख्या के अवधारण, शिविरों एवं स्नान घाटों पर भीड़ के प्रबंधन हेतु तैयारी, मेला क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था, श्रद्धालुओं के आवागमन को नियंत्रित किये जाने हेतु उठाए जाने वाले कदम तथा मेले के दौरान गंगा नदी में जल के बहाव और स्वच्छ पानी की उपलब्धता के विषय में भी मुख्यमंत्री जी द्वारा आवश्यक निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि यदि मेले के दौरान पण्डालों की स्थापना आवश्यक हो तो इनकी संख्या सीमित रखी जाए। साथ ही, शारीरिक दूरी और मास्क लगाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। बैठक के दौरान माघ मेला 2020-21 के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतीकरण भी किया गया, जिसके तहत प्रयागराज मेला प्राधिकरण, स्वास्थ्य, लोक निर्माण, सिंचाई विभागों, यूपीपीसीएल, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई तथा जल निगम द्वारा कराए जाने वाले कार्यों के विषय में विस्तार से प्रकाश डाला गया। मुख्यमंत्री ने माघ मेले के आयोजन से सम्बन्धित सभी विभागों को मेले की सभी व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त बनाते हुए इसके सफल आयोजन के निर्देश दिए। उन्होंने माघ मेले के दौरान कोरोना प्रोटोकाॅल का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/राजेश-hindusthansamachar.in

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