महिला दोनों कुलों को प्रकाशित करने वाली है : सासंद सीमा द्विवेदी
महिला दोनों कुलों को प्रकाशित करने वाली है : सासंद सीमा द्विवेदी

महिला दोनों कुलों को प्रकाशित करने वाली है : सासंद सीमा द्विवेदी

-लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योर्तिविज्ञान संस्थान ने मिशन शक्ति के तहत आयोजित कराया कार्यक्रम, शोध छात्राओं ने बालिका सुरक्षा की ली शपथ लखनऊ, 27 दिसम्बर (हि.स.)। लखनऊ विश्वविद्यालय में मिशन शक्ति के तहत ज्योर्तिविज्ञान संस्थान ने वेबिनार व सेमिनार का आयोजन रविवार को किया। इस दौरान विभाग के शोध छात्र-छात्राओं ने बालिका सुरक्षा शपथ ली। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सांसद राज्यसभा सीमा द्विवेदी ने रामचरित मानस का उल्लेख करते हुए कहा कि महिला दोनों कुलों को प्रकाशित करने वाली होती है। उन्होंने कहा वैदिक व पौराणिक काल में स्त्रियों को समान रूप से सम्मान व अधिकार प्राप्त था। उन्होंने ऐतिहासिक उद्धहरण देते हुये बताया कि नारियों का तत्कालीन राज्य तथा सैन्य संचालन में प्रमुख योगदान रहा है। भारतीय जनता पार्टी और हमारे प्रधानमन्त्री ने नारी शक्ति व सम्मान के लिए अनेकों प्रकार के मिशन, योजनायें चलाकर नारी शक्ति को बल दिया है। समन्यवक मिशन शक्ति की सदस्य प्रो. शीला मिश्रा ने मिशन शक्ति की आवश्यकता व उद्देश्य के बारे में बताते हुये कहा कि वैदिक संस्कृति में यद्यपि स्त्रियों की स्थिति अत्यन्त सुदृढ़ थी, तथापि पाश्चात संस्कृति के आकर्षण के द्वारा आज सिर्फ नारी को उपभोग की वस्तु समझा जाता है। इस मिशन के द्वारा इस स्थिति का निराकण कर समाज की मानसिकता को सुधारा जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्त्रियाॅ पुरूषों की प्रतिद्वन्दी न होकर बल्कि एक-दूसरे की पूरक है। शिव की अर्द्धनारीश्वर रूप में शक्ति की स्तुति कर नारी को प्राथमिकता दी है, अतः नारी-पुरूष दोनों मिलकर सम्पूर्ण प्रकृति के द्योतक है। समाज के मनुष्यों ने जिस प्रकार प्रकृति का दोहन स्वार्थ पूर्ति हेतु किया है, ठीक उसी प्रकार नारी का भी दोहन व उपभोग किया है। आपने शैव दर्शन का उल्लेख करते हुये कहा शक्ति बिना शिव शव के समान है। आपने कहा कि इस मिशन द्वारा समाज की संकीर्ण मानसिकता बदली जा सकती है। कार्यक्रम संचालन डा0 विपिन पाण्डेय ने किया। अतिथियों का स्वागत करते हुये ज्योतिर्विज्ञान के अध्यक्ष पद्मश्री प्रो0 बृजेश कुमार शुक्ल ने माॅ दुर्गा की शक्ति रूप में स्तुति की। उन्होंने कहा कि ऋग्वेद के 10वें मण्डल में कन्या की विदाई के समय मंगलकामनाओं व उसके अधिकारों का विस्तृत उल्लेख मिलता है। उन्होंने ज्योतिष का प्रमाण देते कहा कि कुण्डली में सप्तम स्थान स्त्री का होता है, जिसे केन्द्र स्थान माना गया है। अतः महिलाओं को केन्द्र में रखकर ही परिवार व समाज का विकास किया जा सकता है। उन्होंने कहा जिन क्षेत्रों में सिर्फ पुरूषों को ही वरीयता दी जाती थी, उन क्षेत्रों में आज नारियाॅ अपनी शक्ति का परचम लहरा रहीं हैं। उन्होंने कहा ऋग्वेद का ऋषि कहता है ‘मैं ज्ञानवान हॅू तुम ज्ञानवती हो, मैं सामवेद तो तुम ऋग्वेद हॅू। लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिर्विज्ञान विभाग के अभिवावकों द्वारा बालिका सुरक्षा शपथ ली तथा विभाग के शोध छात्र-छात्राओं ने बालिका सुरक्षा शपथ ली। हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र-hindusthansamachar.in

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