मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज से मिले खजुराहो इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल के संयोजक राजा बुंदेला
मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज से मिले खजुराहो इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल के संयोजक राजा बुंदेला

मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज से मिले खजुराहो इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल के संयोजक राजा बुंदेला

-खजुराहो इंरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में होगा सौ से ज्यादा बुन्देली फिल्मों का प्रदर्शन चित्रकूट,13 दिसम्बर (हि.स.)। खजुराहो इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में एक सैकड़ा से अधिक फीचर फिल्में, लघु फिल्में, वृत्तचित्र टपरा टाकीज में प्रदर्शित की जायेंगीं। कानपुर की लघु फ़िल्म आकाश में सुराख और लखनऊ की- कील के अलावा मुम्बई की अब बस, कीमत और जमीन जैसी फिल्में धमाल मचाएंगी। इसके अलावा किसान बिल को लेकर जारी सियासत और कानून की सच्चाई भी पर्दे पर बुन्देली किसानों को दिखाई जाएगी। रविवार को फेस्टिवल के बुंदेलखंड प्रभारी बुन्देली सेना के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि फिल्मों का संग्रह पिछले एक महीने से जारी था। अब तक अभिनेता आरिफ सहड़ोली के पास लगभग एक सैकड़ा से अधिक फिल्में जमा हो गई हैं। इन फिल्मों का टपरा टाकीज में प्रदर्शन होगा, बेस्ट फिल्में नकद पुरष्कृत होंगी और प्रत्येक डायरेक्टर को प्रमाण पत्र और सम्मान मिलेगा। यूपी-एमपी बुंदेलखंड के शिवपुरी, ग्वालियर, झांसी, चित्रकूट, नौगांव, छतरपुर, मुरैना समेंत 13 जिलों से बुंदेलखंडी कलाकारों द्वारा निर्मित फिल्मों को फेस्टिवल का मंच मिलेगा। फ़िल्म फेस्टिवल के संयोजक बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री राजा बुंदेला ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भेंट की। उन्हें फेस्टिवल उदघाटन का आमंत्रण दिया और फेस्टिवल की पत्रिका भेंट की। राजा बुंदेला ने रविवार से खजुराहो में डेरा डाल दिया है और आयोजन की युद्ध स्तर पर तैयारियां तेज कर दी गईं हैं l 17 से 23 दिसम्बर तक आयोजित होने फेस्टिवल का यह छठवां समारोह है। कोविड के चलते बिना मास्क और सेनेटाइजर के किसी को भी आयोजन में शामिल होने की अनुमति नहीं रहेगी,शोसल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा। फेस्टिवल के बुंदेलखंड प्रभारी अजीत सिंह ने बताया कि कोरोना के चलते वर्चुअल प्लेटफार्म में 60/40 के रेसियों में आयोजन को अंतिम रूप दिया जाएगा। सैकड़ों फिल्मों का प्रदर्शन होने के साथ ही मुम्बई की फिल्मी हस्तियों और राजनेताओं का जमावड़ा लगेगा। किसान बिल को लेकर जारी राजनीति और इसकी सच्चाई भी पर्दे पर बुंदेलखंडी किसानों को दिखाई जाएगी। कला, संस्कृति का संगम होगा, बुन्देली लोकगायक, वादक और लोकसंगीत को हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी फेस्टिवल के मंच में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। हिन्दुस्थान समाचार /रतन/मोहित-hindusthansamachar.in

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