भारतीय मिल मजदूर संघ ने मनाया प्रतिरोध दिवस
भारतीय मिल मजदूर संघ ने मनाया प्रतिरोध दिवस

भारतीय मिल मजदूर संघ ने मनाया प्रतिरोध दिवस

शामली, 03 जुलाई (हि. स.)। भारतीय मिल मजदूर संघ ने सरकार के श्रम कानूनों में संशोधन, निजीकरण एवं महंगाई के खिलाफ शुक्रवार को प्रतिरोध दिवस मनाया। इस अवसर पर राष्ट्रपति व राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर श्रमिकों के शोषण व उत्पीडन को रोकने की मांग की। भारतीय मिल मजदूर संघ द्वारा सरकार के श्रम कानूनों में संशोधन, निजीकरण एवं महंगाई के खिलाफ केन्द्रीय श्रम संगठनों के आहवान पर प्रतिरोध दिवस मनाया गया। यूनियन के मंत्री राजेन्द्र पंवार ने कहा कि कोरोना महामारी के बहाने और सरकार की मजदूरों के हकों के प्रति लापरवाही के कारण कारखाना सेवायोजक मनमानी कर मजदूरों को भारी आर्थिक एवं मानसिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिन्होंने कर्मचारियों के कोरोना काल से पहले के वेनत एवं भत्ते तथा अन्य सुविधाएं गटकनी शुरू कर दी है, जिनका महामारी से कोई लेनादेना नहीं है। यहां तक कि जो कारखाने जैसे शुगर मिल कोरोना काल में भी चालू रहे और कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए कारखानों को सुचारू रूप से चलाया लेकिन सेवायोजक उनको मिलती आई सुविधाओं और भत्तों को भी काट रहे हैं जिसको लेकर मजदूरों में आक्रोश बढता जा रहा है। सेवायोजक एवं प्रबंध तंत्र ने मजदूरों को यह कहकर डराना शुरू कर दिया है कि जो भी हम दे रहे है, उसी में नौकरी करो, नहीं तो नौकरी से वंचित कर दिया जाएगा। उन्होंने पुराने देयों का भुगतान न करने, सेवानिवृत्त कर्मचारियों की वेज रीविन की किश्त न देने, वर्षों का ओवरटाइम के पैसे का भुगतान रोकने, मजदूरों के खाली पडे क्वाटर न बांटने, बहाना बनाकर यूनियन के कार्यालय तोडने तथा वेतनवृद्धि का भुगतान न करने के आरोप लगाए। उन्होंने राष्ट्रपति व राज्यपाल से श्रमिकों के उत्पीडन व शोषण को रोकने की मांग की। इस अवसर पर राजकुमार तोमर, विक्रम सिह, हरबीर सिंह, कृष्णबीर सिंह, नीधिश कुमार आदि भी मौजूद थे। हिन्दुस्थान समाचार/मोनू/दीपक-hindusthansamachar.in

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