बुन्देलखण्ड में वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के जन्मोत्सव का जश्न
बुन्देलखण्ड में वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के जन्मोत्सव का जश्न

बुन्देलखण्ड में वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के जन्मोत्सव का जश्न

- दुल्हन की तरह सजा महानगर,चैराहों पर हुई दीपांजलि,पहली बार पुलिस व प्रशासनिक कार्यालयों में मनाया गया वीरांगना का जन्मदिन झांसी, 19 नवम्बर (हि.स.)। सन 1857 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आजादी के लिए हुंकार भरने वाली शौर्य और अदम्य साहस की मूर्ति वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई का नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। उनकी वीरता का लोहा अंग्रेज भी मानते थे। उसी वीरांगना महारानी के जन्मोत्सव को आज पूरा बुन्देलखण्ड उत्साहपूर्वक मना रहा है। बुन्देलखण्ड की हृदयस्थली वीरांगना भूमि झांसी को दुल्हन की तरह सजाया गया है। शाम होते ही हर गली,चौराहे को रोशन करते हुए महारानी के जन्मोत्सव पर दीप जलाकर उनके इस संसार में आगमन पर स्वागत किया जा रहा। इतिहास में पहली बार विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के आग्रह के बाद झांसी के पुलिस व प्रशासनिक कार्यालयों में भी वीरांगना महारानी के जन्मोत्सव को धूमधाम से मनाया जा रहा है। इतिहास में पहली बार विभिन्न संस्थाओं के आग्रह पर पुलिस व प्रशासनिक कार्यालयों में भी वीरांगना महारानी के जन्मोत्सव को धूमधाम से मनाया गया। साथ ही जिले की विभिन्न तहसीलों में भी इसका आयोजन वृहद स्तर पर किया गया। गोरों की गुलामी से देश की आजादी के लिए 1857 में हुए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में वीरता और रणकौशल की अमिट गाथा लिखने वाले महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती के अवसर पर गुरूवार को वीरांगना नगरी झांसी पूरे दिन जोश और उमंग से सराबोर रही। रानी के जन्मोत्सव के इस जश्न में पूरे जिले में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। यह पहला अवसर है जब आम लोगों के साथ प्रशासन भी वीरांगना लक्ष्मीबाई के जन्मोत्व कार्यक्रम में शामिल हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट कर झांसी की रानी को श्रद्धांजलि अर्पित की। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) दिनेश कुमार पी ने अपने कार्यालय में महारानी के चित्र पर माल्यापर्ण कर गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके साथ ही पूरे जनपद के सभी 26 थानों व जिले की चैकियों को वीरांगना लक्ष्मीबाई के जन्मदिन के अवसर पर सजाकर जन्मोत्सव को पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। जिलाधिकारी ने किया वीरांगना महारानी को नमन जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने भी कार्यालय प्रांगण में रानी के चित्र पर माल्यार्पण कर नारी वीरता का पर्याय लक्ष्मीबाई को नमन किया। कहा कि झांसी वीर वीरांगनाओं की भूमि है और हम सौभाग्यशाली है,कि हमें इस वीरांगना की धरती पर कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। हम सभी को शपथ लेना चाहिए कि हम अपने कार्यों में पूर्ण निष्ठा, लगन और पारदर्शिता रखते हुए महारानी लक्ष्मीबाई के बलिदान को याद करें। उन्हें अपना आदर्श मानते हुए अपनी जन्मभूमि और देश की एकता अखंडता को कायम रखें। महारानी के जन्मोत्सव पर अभी तक वीरान पड़े रहने वाले किले और रानीमहल को भी इस बार रोशनी से सजाया गया। विभिन्न सरकारी कार्यालयों में रानी झांसी का जन्मदिन हर्षोल्लास से मनाया गया। सामाजिक संगठनों द्वारा दिन भर आयोजित होते रहे कार्यक्रम विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ आम लोग भी रानी के जन्म की खुशी में झूमते नजर आये। इस अवसर पर सुबह से ही लगातार कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सुबह महारानी लक्ष्मीबाई पार्क से शोभायात्रा निकाली गयी। बुंदेलखंड महाविद्यालय (बीकेडी) में रानी का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर छात्रों ने महारानी के जीवन चरित्र पर नृत्य नाटिका का भी मंचन किया। महारानी लक्ष्मीबाई का जन्मोत्सव यहां लगभग एक सप्ताह तक मनाया जायेगा। विश्व धरोहर सप्ताह के तहत बुन्देलखण्ड के किलों और गढ़ियों पर गोष्ठी महारानी के जन्मोत्सव के प्रथम दिन से ही प्रदेश के संस्कृति विभाग के तहत राजकीय संग्रहालय और क्षेत्रीय पुरातत्व ईकाई- झांसी, इंटैक झांसी और ललितपुर चैप्टर एवं बुंदेलखंड इतिहास, पुरातत्व तथा शोध समिति के संयुक्त तत्वाधान में “ विश्व धरोहर सप्ताह ” का शुभारंभ किया गया, जो आज से 25 नवंबर तक चलेगा और इस दौरान विभिन्न कार्याक्रमों छायाचित्र प्रदर्शनी, विरासत स्थलों का स्वच्छता अभियान, हेरीटेज-वॉक, स्पॉट पेंटिंग प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और व्याख्यान आदि का आयोजन किया जायेगा । इसी के तहत आज बुंदेलखंड के किले और गढियां विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें झांसी के अलावा चंदेरी, ग्वालियर, भोपाल, सागर, महोबा, जालौन, दतिया, बांदा और चित्रकूट के विद्वानों ने अपने शोध प्रस्तुत किये। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार हरगोविन्द कुशवाहा रहे। उन्होंने ह्यूरोज द्वारा महारानी लक्ष्मीबाई की प्रशंसा किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि साईं सच्चे सूर को बैरी करत बखान। कार्यक्रम में बरुआसागर के प्रथम आईएएस रहे प्रमोद अग्रवाल ने भी बाई जी के जीवन पर प्रकाश डाला। भारतीय जनता पार्टी ने दीपदान कर मनाया जन्मोत्सव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तहसील स्थित कार्यालय में भी रानी झांसी की जयंती धूमधाम से मनायी गयी। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष मुकेश मिश्रा ने कहा कि झांसी की रानी हमारी शान है । रानी के बलिदान ने आज हमें विश्व में एक पहचान दी है । पूरा विश्व रानी झांसी के वीरता को जानता है और यह हमारे लिए बड़े गौरव की बात है। इस अवसर पर भाजपाइयों ने बड़ी संख्या में दीपदान किया। विविध समाजसेवी संस्थाओं ने आयोजित किए कार्यक्रम रानी के गौरवशाली इतिहास और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़े विभिन्न कार्याक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं और बालिकाओं ने बढ़चढकर हिस्सा लिया। जगह जगह रंगोली के माध्यम से रानी के चित्रों को उकेरा गया। महारानी लक्ष्मीबाई पार्क में उनकी विशाल प्रतिमा के नीचे बडी संख्या में रानी के चित्रों को रंगोली के माध्यम से पेश किया गया। कई बच्चियां रानी लक्ष्मीबाई का रूप लिये नजर आयीं। शहर में प्रमुख ईलाइट चैराहे पर ढोल की थाप पर नाचती महिलाओं ने रानी के जन्म का जमकर जश्न मनाया। “ अग्रसर होते कदम ” संगठन के वीरसिंह की अध्यक्षता में मैथिलीशरण गुप्त पार्क 51 सौ दिये जलाकर रानी झांसी की वीरता और अदम्य साहस को नमन किया गया। जिला एकीकरण समिति झांसी की ओर से विकास भवन में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया और रानी झांसी की प्रतिमा पर मल्यार्पण और दीपदान कर वीरांना को श्रद्धासुमन अर्पित किये गये। इस दौरान पहली बार हरी सब्जी थोक विक्रेताओं ने भी मंडती में दीप जलाकर और आतिशबाजी कर रानी लक्ष्मीबाई का जन्मोत्सव मनाया। हिन्दुस्थान समाचार/महेश-hindusthansamachar.in

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