बीएड, बीटीसी कोर्स चला रहे मान्यता प्राप्त प्राइवेट कालेजों को राहत
बीएड, बीटीसी कोर्स चला रहे मान्यता प्राप्त प्राइवेट कालेजों को राहत

बीएड, बीटीसी कोर्स चला रहे मान्यता प्राप्त प्राइवेट कालेजों को राहत

जांच कमेटी का अधिकार एससी, एसटी स्कालरशिप के सत्यापन तक सीमित प्रयागराज, 19 दिसम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीएड, बीटीसी कोर्स चला रहे मान्यता प्राप्त प्राइवेट कालेजों की जांच के लिए गठित कमेटी का अधिकार क्षेत्र केवल एससी, एसटी छात्रों की स्कालरशिप के सत्यापन तक सीमित कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि कमेटी कालेजों की मान्यता आदि मुद्दों पर न कोई सवाल पूछेगी और न ही इसकी जांच करेगी। याचिका में 4 अक्टूबर 20 को जारी शासनादेश की वैधता को यह कहते हुए चुनौती दी गई थी कि याची संस्था के 30 कालेजों को एनसीटीई से मान्यता प्राप्त है और वे विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है। राज्य सरकार को इस सम्बंध में जांच करने का क्षेत्राधिकार नहीं है। अब राज्य सरकार ने स्वयं ही कह दिया है कि कमेटी स्कालरशिप लेने वाले एससी, एसटी छात्रों की वैधता का सत्यापन करेगी तो कोर्ट ने यह आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने एसोसिएशन आफ माइनारिटीज एजुकेशन इंस्टीट्यूशन की तरफ से दाखिल याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याची का कहना है कि राज्य सरकार की शिक्षा नीति है कि एससी-एसटी छात्रों को शून्य फीस पर बीएड, बीटीसी कोर्स में प्रवेश दिया जाय। जिसकी प्रतिपूर्ति सरकार करेगी। सरकार ने 11 अक्टूबर 20 को शासनादेश भी जारी किया है। प्रदेश के एससी-एसटी दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना नियमावली भी है। 30 सितम्बर 20 को केन्द्रीय वित्त मंत्री ने बैठक ली। बीएड, बीटीसी कोर्स चला रहे प्राइवेट कालेजों के छात्रों के सत्यापन का फैसला लिया गया है। 4 अक्टूबर 20 के आदेश से समाज कल्याण विभाग की तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गयी। शिक्षा सत्र 2019-20 व 2020-21 के छात्रों अध्यापकों से जुड़े कई मुद्दों की जांच की जिम्मेदारी कमेटी को सौपी गई है। जिसकी राज्य सरकार की अधिकारिता को चुनौती दी गई थी। याची का कहना था कि केवल स्कालरशिप के सम्बंध मे जांच का अधिकार है। कालेज की मान्यता आदि मुद्दों की जांच का अधिकार नहीं है। जिस पर सरकार का रूख स्पष्ट होने के बाद विवाद खत्म मानते हुए कमेटी के स्कालरशिप के सत्यापन तक अधिकार सीमित कर दिया है। कमेटी कालेजों की सीट की मान्यता, अध्यापकों की अर्हता आदि मुद्दों की जांच नहीं करेगी। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/विद्या कान्त-hindusthansamachar.in

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