पूज्य श्रीस्वामी संकर्षण प्रपन्नाचार्य जी के देवलोकगमन पर दीनदयाल शोध संस्थान में दी गई विनम्र श्रद्धांजलि
पूज्य श्रीस्वामी संकर्षण प्रपन्नाचार्य जी के देवलोकगमन पर दीनदयाल शोध संस्थान में दी गई विनम्र श्रद्धांजलि

पूज्य श्रीस्वामी संकर्षण प्रपन्नाचार्य जी के देवलोकगमन पर दीनदयाल शोध संस्थान में दी गई विनम्र श्रद्धांजलि

- अमर व्यक्तित्व के कारण असंख्य भक्तों के हृदय में राज करते रहेंगे पूज्य महाराजश्री - अभय महाजन चित्रकूट,22 नवम्बर (हि.स.)। आचार्य आश्रम चित्रकूट के बड़े महाराज जी परमपूज्य राजगुरु श्रीस्वामी संकर्षण प्रपन्नाचार्य जी के देवलोकगमन पर दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट द्वारा आरोग्यधाम के सभागार में रविवार को एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। यहां संस्थान के प्रमुख कार्यकर्ताओं ने शोक व्यक्त करते हुए पूज्य महाराजश्री को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि परमपूज्य स्वामी जी भागवत तथा सभी धार्मिक पुराणों के महान वक्ता तथा ज्ञाता थे। हजारों गरीब बालकों की शिक्षा-दीक्षा की सम्पूर्ण व्यवस्था आश्रम से निशुल्क करवाते थे, उनके आश्रम से निकले विद्वान ब्राह्मण-पंडित देश भर में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे है। देश के सभी क्षेत्रों में लाखों की संख्या में उनके अनुयायी है। उन्होंने बताया कि 5 वर्ष पूर्व जब वह अस्वस्थ थे तब बड़े महाराज जी ने सियाराम कुटीर अपने उत्तराधिकारी युवराज स्वामी को हालचाल लेने भेजा था, हमेशा छोटे बड़े सबकी चिंता करने वाले बड़े महाराज जी का श्रद्धेय नानाजी देशमुख से भी अटूट प्रेम रहा है, चित्रकूट के संदर्भ में कई बातों को लेकर नानाजी हमेशा उनका परामर्श लेते रहे हैं। श्री महाजन ने कहा कि संत का शरीर तो मर भी सकता है मगर संतत्व कभी मरा नहीं करता, इसलिए पूज्य स्वामी संकर्षण प्रपन्नाचार्य जी महाराज अपने अमर व्यक्तित्व के कारण सदा-सदा असंख्य भक्तों और जन-जन के हृदय में राज करते रहेंगे। उनके आश्रम में प्रतिदिन गरीबों को निशुल्क भोजन व्यवस्था, साधु संतो की सेवा इन सब कार्यो में पूज्य स्वामी जी का बहुत योगदान रहा है, ये सेवाएं आज भी निरंतर चल रही है। उन्होंने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं भारत रत्न नानाजी देशमुख के जन्म शताब्दी वर्ष पर जब उद्यमिता परिसर में ग्रामोदय मेला के आयोजन को लेकर तैयारियां चल रही थी, तब बड़े महाराज जी से आग्रह किया था तब वह अस्वस्थ थे तो वह गाड़ी में ही बैठकर पूरे मेला की तैयारियों का निरीक्षण किए, तब उन्होंने कहा था तुमने जो सोचा है उससे कहीं ज्यादा अच्छा मेला का आयोजन होगा, हमारा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है।इस दौरान दीनदयाल शोध संस्थान के सचिव डॉ अशोक पांडेय, जन शिक्षण संस्थान के कार्यकारी निदेशक राजेंद्र सिंह, उप महाप्रबंधक डॉ अनिल जायसवाल, रिसोर्स सेंटर के प्रभारी विनीत श्रीवास्तव, गुरुकुल संकुल के प्रभारी संतोष मिश्रा, इंजी. राजेश त्रिपाठी, सुरेन्द्रपाॅल ग्रामोदय विद्यालय के प्राचार्य मदन तिवारी, उद्यमिता विद्यापीठ के संयोजक मनोज सैनी सहित सभी प्रमुख कार्यकर्ताओं ने भी महाराज श्री को श्रद्धांजलि दी। सभी ने ईश्वर से प्रार्थना की, कि शोकाकुल आचार्य आश्रम परिवार एवं हजारों लाखों भक्तों सहित चित्रकूट के आम जनमानस और संत समाज को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। हिन्दुस्थान समाचार /रतन-hindusthansamachar.in

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