न्यायालय की टिप्पणी ने बेनकाब किया कुशीनगर पुलिस का चेहरा
न्यायालय की टिप्पणी ने बेनकाब किया कुशीनगर पुलिस का चेहरा

न्यायालय की टिप्पणी ने बेनकाब किया कुशीनगर पुलिस का चेहरा

-न्यायालय की टिप्पणी ने बेनकाब किया कुशीनगर पुलिस का चेहरा -सरकार के पर्यटन प्रोत्साहन कार्य को लगा धक्का कुशीनगर,17 दिसम्बर(हि.स.)। कसया थाना के पुलिसकर्मियों व पर्यटकों के बीच मंगलवार को हुई मारपीट के मामले में न्यायालय की टिप्पणी ने पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कोर्ट ने पुलिस पर न केवल कड़ी टिप्पणी की है बल्कि जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश एसपी को दिया है। न्यायालय के इस कदम से कुशीनगर में सरकार व प्रशासन के स्तर पर चल रही पर्यटन व पर्यटकों को प्रोत्साहित करने वाली योजनाओं की भी बखिया उधेड़ कर रख दी है। पुलिस गाइड, पुलिस मित्र, पर्यटक पुलिस, पर्यटक थाना जैसी अवधारणाओं पर चल रहे सरकार के कार्यों को लेकर भी लोगों के विश्वास को धक्का पहुंचा है। कुशीनगर बौद्ध सर्किट का प्रमुख पर्यटन केंद्र है। यहां पर विशेष रूप से प्रशिक्षित पर्यटक पुलिस का एक दस्ता भी तैनात है। पुलिस चौकी भी खोली गई है। थाना की पुलिस को भी पर्यटकों को लेकर खास हिदायत है कि किसी भी देशी विदेशी पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा न होने दी जाए। उनके साथ शिष्ट, विनम्र व शालीन व्यवहार की अपेक्षा सरकार व विशेषकर पर्यटन विभाग करता है। ऐसे में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय कसया के पीठासीन मजिस्ट्रेट शोभित राय की टिप्पणी ने सरकार की मंशा पर सवाल लगाया ही है पुलिस के चेहरे को भी बेनकाब कर दिया है। इस सम्बंध में कुशीनगर के विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने कहा कि न्यायालय सर्वोपरि है। घटना उनके भी संज्ञान में आई तो उन्होंने तत्काल एसपी को अवगत कराते हुए निष्पक्ष जांच करा दोषियों पर कार्रवाई की अपेक्षा की थी। मामले में किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। पर्यटन व पर्यटकों के साथ किसी के द्वारा खिलवाड़ बर्दाश्त नही किया जाएगा। वरिष्ठ अधिवक्ता ओमप्रकाश दुबे ने कहा कि पर्यटक ही नहीं किसी भी व्यक्ति के साथ पुलिस से इस तरह की व्यवहार की अपेक्षा नहीं जाती है। न्यायालय ने टिप्पणी तथ्यों व साक्ष्यों को परख कर की होगी। पर्यटन स्थली पर आगे से पर्यटकों के साथ ऐसी घटना न हो इसके लिए भी जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। क्या है मामला कार से मंगलवार को कुशीनगर पर्यटन पर आए मुंबई के प्रवासी व देवरिया जनपद के पथरदेवा के निवासी भाई बहनों को हाइवे स्थित एक होटल में पहले खाना खाने के दौरान और पुनः थाना में पुलिस अभिरक्षा के दौरान पीटा गया। युवकों पर फर्जी लूट व मारपीट समेत कई संगीन धाराओं में मामला दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की गई। कोर्ट ने मामला फर्जी पाया इस मामले में सुनवाई के दौरान एसीजेएम शोभित राय ने कसया पुलिस को दोषी पाया है। कोर्ट ने कसया पुलिस की कार्य प्रणाली पर तल्ख टिप्पणी करते हुए इसे माननीय उच्च और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अतिरिक्त भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन मानते हुए दोषी पुलिस कर्मियों के विरूद्ध जांच कर पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई का आदेश दिया है। कोर्ट ने पुलिस के प्रथम सूचना रिपोर्ट की बखिया उधेड़ते हुए कहा है कि गिरफ्तारी प्रपत्र में घटना होटल में 15 दिसंबर को रात 9 बजे दर्शाई गई है। गिरफ्तारी भी उसी तारीख को दर्शित है लेकिन मेडिकल जांच आख्या 16 दिसंबर की दिखाई गई है। उसमें युवकों को आई हुई चोटों की ड्यूरेशन फ्रेस अंकित है। न्यायालय के समक्ष युवकों ने थाने के अंदर बुरी तरह मारने-पीटने की बात कही है। मेडिकल प्रपत्र और युवकों के शरीर पर चोटों के देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि कसया के पुलिस कर्मियों द्वारा उच्च और उच्चत्तम न्यायालय के निर्देशों और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए पुलिस अभिरक्षा में युवकों पर बल प्रयोग किया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/गोपाल-hindusthansamachar.in

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